देश भर में अब आम जनता के लिए सस्ती दवाइयां खरीदना और सुलभ होगा। केंद्र सरकार जल्द ही देश भर में कुल 25 हजार जन औषधि केंद्रों को खोलने जा रही है। वर्तमान में इनकी संख्या देश में 10 हजार है, जिसे सरकार बढ़ाएगी। ये घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से की है, जिससे आम जनता को सस्ते दामों पर दवाइयां मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, अगर किसी को मधुमेह हो जाता है, तो उसे करीब 3,000 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है। जिन दवाओं की कीमत 100 रुपये है, जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम उन्हें 10 से 15 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार की योजना जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की है। सभी के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं। जानें जन औषधि केंद्र के बारे में बता दें कि केंद्र सरकार ने देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की शुरुआत की है। इन जन औषधि केंद्रों के तहत देश में आर्थिक तौर से कमजोर वर्गों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती है। ये मेडिकल स्टोर हैं जहां जेनरिक दवाइयां सस्ते दामों पर उपलब्ध होती है। ये औषधि केंद्र निम्न वर्ग के परिवारों तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराती है। वर्तमान में देश में 10 हजार औषधि केंद्र हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 25 हजार करना सरकार का लक्ष्य है। गौरतलब है कि जन औषधि केंद्र कोई भी खोल सकता है, बशर्ते उसने योजना की सभी शर्तों को पूरा किया है, उसे इसका लाइसेंस मिल सकता है। कोविड 19 में दुनिया ने देखी भारत की क्षमताप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि लोगों को कोविड-19 रोधी टीकों की 200 करोड़ खुराक लगना केवल आंगनवाड़ी, आशा और स्वास्थ्य कर्मियों की वजह से ही संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जिस पैमाने पर देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान चलाया, उससे पूरी दुनिया चकित थी। मोदी ने कहा कि दुनिया ने कोविड महामारी के संकट से निपटने के तरीके में भारत की क्षमता को देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय अन्य देशों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई थी, तो हमने दुनिया की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मानव केंद्रित दृष्टिकोण की वकालत की थी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के बाद समग्र स्वास्थ्य सेवा समय की मांग थी और उनके नेतृत्व वाली सरकार ने एक अलग आयुष विभाग की स्थापना की और अब दुनिया आयुष और योग पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रतिबद्धता के कारण दुनिया अब हमें देख रही है।’’ मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद की अवधि में भारत ‘विश्व मित्र’ के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी के बाद भारत ने ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण की वकालत की। समस्याओं का समाधान केवल तभी हो सकता है जब बीमारियों के संबंध में मनुष्यों, जानवरों और पौधों को समान रूप से देखा जाए।