पीएम मोदी ने निभाई दोस्‍ती, जापानी विदेश मंत्री ने दिया झटका, G-20 बैठक से करेंगे किनारा! घिरे

टोक्‍यो: जापान के विदेश मंत्री योश‍िमासा हयाशी ने भारत को बड़ा झटका दिया है। जापानी विदेश मंत्री भारत में होने जा रही जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से किनारा कर सकते हैं। भारत आने की बजाय योशिमासा अपने देश में संसद के सत्र में शामिल होने को प्राथमिकता दे रहे हैं। जापानी विदेश मंत्री की इस मंशा से खुद उनके ही देश में विरोध शुरू हो गया है। वहीं भारतीय अधिकारियों को डर है कि इससे दोनों देशों के बीच रिश्‍तों में बहुत बुरा असर पड़ सकता है। इस बीच चीन के विदेश मंत्री ने ऐलान किया है कि वह जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने भारत जाएंगे। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यह अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं है कि जापानी विदेश मंत्री शुक्रवार को क्‍वॉड देशों की बैठक में शामिल होंगे या नहीं। इससे पहले जापानी मीडिया ने खुलासा किया किया था कि एक उपमंत्री को योशिमासा की जगह पर भारत भेजा जा सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जापानी मंत्री के नहीं आने से जी-20 की बैठक को आयोजित कर रहा भारत नाराज हो सकता है। जापान की ओर से आश्‍चर्यजनक कदम तब उठाया गया है जब चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत की मोदी सरकार जापान के साथ अपने रिश्‍ते मजबूत कर रही है। जापान आयोजित करेगा जी-7 देशों की शिखर बैठकसाथ ही रूस और यूक्रेन युद्ध भारत को जापान के करीब ला रहा है। इस खबर के आने के बाद जापान के सांसद भड़क गए हैं और सोशल मीडिया पर खुलकर भड़ास निकाल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि जापान ने मौका खो दिया है, वह भी तब जब खुद वह जी-7 देशों की मई में शिखर बैठक आयोजित करने जा रहा है। वहीं पिछले साल सितंबर महीने में पीएम मोदी खुद अपने दोस्‍त रहे पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्‍कार में शामिल होने के लिए टोक्‍यो आए थे। उन्‍होंने जापान के पीएम फूमियो किशिदा से बातचीत भी की थी। जापान इन दिनों चीन की दादागिरी से जूझ रहा है और उसने ड्रैगन पर लगाम लगाने के लिए भारत के साथ रिश्‍ते मजबूत करना शुरू कर दिया है। क्‍वॉड इस दिशा में एक महत्‍वपूर्ण मंच है जिसमें अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत भी शामिल हैं। हाल के दिनों में क्‍वॉड को चीन पर नकेल कसने का मंच मान लिया गया है। चीन क्‍वॉड को लेकर हमेशा ही भड़का हुआ रहता है। चीन का कहना है कि इससे नया शीत युद्ध शुरू हो सकता है। इसके अलावा हाल ही में जापान और भारत की सेना ने पहला संयुक्‍त अभ्‍यास किया था। भारत सरकार का दोस्‍त जापान को दो टूक संदेश किश‍िदा सरकार भारत और ऑस्‍ट्रेलिया को भी जी-7 बैठक में बुलाना चाहती है। भारत ने साफ कह दिया है कि इस फैसले का जापान के साथ रिश्‍तों पर नकारात्‍मक असर पड़ेगा। जापान की संसद के निचले सदन में मंगलवार को एक बजट पारित किया जा सकता है और उसे चर्चा के लिए ऊपरी सदन में भेजा सकता है। परंपरा के मुताबिक मंत्रिमंडल के सभी सदस्‍यों का बजट कमिटी की शुरुआती बैठकों में शामिल होना जरूरी होता है। यह बुधवार और गुरुवार को होने जा रहा है।