नई दिल्ली: को लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी कमर कस ली है। बीजेपी ने इस बार 370 सीटें जीतने का टारगेट रखा है। वहीं बीजेपी ने एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर 400 सीटों से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी ने खुद चुनावी कमान संभाल ली है। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले शुक्रवार को दक्षिण भारत में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी। बीजेपी की कोशिश दक्षिण क्षेत्र के पांच राज्यों से अधिक से अधिक सीट हासिल कर उस मिथक को तोड़ने की है कि उसका दबदबा सिर्फ हिंदी पट्टी के ही क्षेत्रों में है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि मोदी अगले चार दिनों यानी 19 मार्च तक सभी दक्षिणी राज्यों का दौरा करेंगे और उन स्थानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जहां सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा मिलने की उम्मीद है।पीएम मोदी का दक्षिण प्लानपीएम मोदी 17 मार्च को आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी -बीजेपी-जन सेना की संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे। यहां की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को टक्कर देने के लिए हाल में तीनों दलों ने हाथ मिलाया है। आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की रैली को तीन दलों के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी नेताओं ने बताया कि प्रधानमंत्री शनिवार को तेलंगाना के नगरकुरनूल और कर्नाटक के गुलबर्गा में प्रचार करेंगे। खरगे के गढ़ में प्रचार करेंगे मोदीगुलबर्गा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ रहा है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें अपने बीजेपी प्रतिद्वंद्वी से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि वह 18 मार्च को तेलंगाना के जगतियाल और कर्नाटक के शिमोगा में रैलियों को संबोधित कर सकते हैं और तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक रोड शो का नेतृत्व करेंगे। वह केरल के पलक्कड़ में एक रोड शो करेंगे और 19 मार्च को तमिलनाडु के सलेम में एक रैली को संबोधित करेंगे। दक्षिण में मोदी की ताबड़तोड़ रैलियां और रोड शो मोदी के शुक्रवार को राजनीतिक कार्यक्रमों में तमिलनाडु और केरल में रैलियां और तेलंगाना में रोड शो शामिल हैं। पांच राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में लोकसभा की एक सीट है। कुल 543 लोकसभा सीटों में से दक्षिण भारत में 131 सीट हैं। बीजेपी 2011 में पुडुचेरी के अलावा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। हालांकि उसने 28 में से 25 सीटें जीतकर कर्नाटक में बड़ी जीत दर्ज की थी और तेलंगाना में 17 में से चार सीटें जीतकर पहली बार प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। पार्टी पूरे क्षेत्र में बढ़त बनाने की कोशिश कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए उसने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में नए गठबंधन बनाए हैं।