नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन () का समय धीरे-धीरे करीब आ रहा है। इसके लिए जोरदार तैयारियां हैं। इस पल का साक्षी बनने के लिए पूरा देश उत्साहित है। 28 मई को () इसका शुभारंभ करेंगे। हालांकि, इस समारोह में करीब 20 विपक्षी दल नहीं होंगे। उन्होंने समारोह का बहिष्कार किया है। वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका उद्घाटन करें। इस तरह की मांग को खुद विपक्ष के कई नेता अनुचित करार दे चुके हैं। संसद लोकतंत्र का मंदिर है। इसके पहले ही इस तरह की रार ने रंग में भंग डालने का काम कर दिया है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट के जरिये पूरे विपक्ष को अलग-थलग कर दिया है। पीएम ने एक छोटा सा वीडियो शेयर करके कहा है कि नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा। उन्होंने इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील की है। इसके बाद समारोह का बहिष्कार करने वाले दल पसोपेश में होंगे। आइए, यहां समझते हैं क्यों? पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने कहा, ‘नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा। यह वीडियो इस प्रतिष्ठित इमारत की एक झलक प्रदान करता है। मेरा एक विशेष अनुरोध है। इस वीडियो को अपनी आवाज (वॉयसओवर) के साथ साझा करें, जो आपके विचारों को व्यक्त करता है। मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट करूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘माई पार्लियामेंट माई प्राइड हैशटैग का इस्तेमाल करना न भूलें।’ क्या है कार्यक्रम? नए संसद भवन का उद्घाटन रविवार को होगा। इस समारोह की शुरुआत सुबह-सुबह हवन और सर्व-धर्म प्रार्थना के साथ शुरू होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में औपचारिक उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह में 25 दलों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके उलट 20 विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।क्यों असमंजस में होगा विपक्ष? पीएम ने समूचे देश को नए संसद के उद्घाटन समारोह से जोड़ दिया है। निश्चित है कि पीएम मोदी की अपील के बाद बड़ी संख्या में लोग इसे शेयर भी करेंगे। हालांकि, जिस संसद में आगे इन 20 विपक्षी दलों को भी बैठना है, उनके लिए जरूर उलझन पैदा होगी। ये दल इस कश्मकश में फंसे होंगे कि इतने बड़े इवेंट से वे पूरी तरह बाहर हैं। क्या आज से कुछ साल बाद वे युवा हो रही पीढ़ी को अपने जवाब से संतुष्ट कर पाएंगे? क्या वे यही कहेंगे कि उन्होंने बहिष्कार सिर्फ इसलिए किया था क्योंकि संसद का उद्घाटन देश के मुखिया ने किया था?