पायलट का CM गहलोत पर बड़ा हमला, इगो छोड़ सुननी चाहिए थी वीरांगनाओं की बात

टोंक : पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर एक बार फिर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को अपना ईगो छोड़कर वीरांगनाओं की बात सुननी चाहिए। देश में यह मैसेज नहीं जाना चाहिए कि वीरांगनाओं की बात नहीं सुनी जाती है। उनकी यदि कोई छोटी मोटी सड़क, चार दिवारी या मूर्ति लगाने की अगर मांग है तो सरकार को सुनना चाहिए। मांगे मानना या न मानना एक अलग बात है। लेकिन सरकार को वीरांगनाओ का सम्मान करना चाहिए। पायलट शुक्रवार रात टोंक में वार्ड नंबर 59 के विभिन्न लोकार्पण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए थे। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को संबोधित किया। शनिवार को मुख्यमंत्री ने वीरांगनाओं से की मुलाकातटोंक में सचिन पायलट के इस बयान के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री ने वीरांगनाओं से मुलाकात भी की है। पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाओं को जबरन धरने से उठाने और सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुई पुलिस बदसलूकी के बाद सीएम की ये मुलाकात भी काफी चर्चा में है। सीएम हाउस पर शेखावाटी और मारवाड़ क्षेत्र से कई वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। आंदोलन कर रही वीरांगनाओं की मांग नियमानुसार सही नहीं इस मुलाकात को लेकर गहलोत ने कहा कि शहीदों से जुड़े मामलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वीरांगना या बच्चों के अलावा परिवार के किसी अन्य सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में यह मांग नियमानुसार सही नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा करने पर भविष्य में वीरांगनाओं को अनुचित पारिवारिक और सामाजिक दबाव भी झेलना पड़ सकता है। नियमानुसार नौकरियां दी जाती रहेंगी- गहलोतमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार के लिए शहीदों और वीरांगनाओं का सम्मान सर्वोच्च है। उनकी सरकार शहीदों के आश्रितों को अब तक नियमानुसार सरकारी नौकरी भी देती रही है। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि आगे भी नियमानुसार नौकरियां दी जाती रहेंगी। (रिपोर्ट – मनीष बागड़ी, टोंक)