रातोंरात तीन गुना हुई पेट्रोल की कीमत, टंकी फुल करने की होड़, जानिए उस देश में हुआ क्या?

नई दिल्ली: अफ्रीकी देश रातोंरात तीन गुना बढ़ चुकी है। पेट्रोल पंपों के बाहर लोगों की भीड़ जुटी है। हर कोई जल्दी से जल्दी अपनी टंकी फुल करवाना चाहता है। इसकी वजह देश के नए राष्ट्रपति बोला तिनूबू (Bola Tinubu) का एक बयान है। तिबूलू का कहना है कि उनकी सरकार लोगों को पेट्रोल पर सब्सिडी नहीं देगी। नाइजीरिया अफ्रीका में तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। तिबूलू ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले भाषण में कहा कि पेट्रोल पर मिलने वाली सब्सिडी का जमाना गया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पेट्रोल पर दी जाने वाली सब्सिडी का इस्तेमाल शिक्षा, हेल्थकेयर और रोजगार पैदा करने के लिए करेगी। इससे देश के लाखों लोगों की जीवन में सुधार आएगा। तिनूबू के भाषण के बाद लोग पेट्रोल पंप की तरफ दौड़ पड़े। लोग सब्सिडी खत्म होने से पहले पेट्रोल का ज्यादा से ज्यादा स्टोरेज करना चाहते हैं। इससे डिमांड और सप्लाई का संकट खड़ा हो गया और कीमत तीन गुना बढ़ गई। राष्ट्रपति कार्यालय ने बाद में एक बयान में सफाई दी कि सब्सिडी 30 जून को खत्म होगी। लेकिन इससे लोग नहीं रुके और पेट्रोल पंपों के बाहर भीड़ लगी रही। इस मौके का फायदा उठाते हुए कई पेट्रोल पंपों ने तीन गुना कीमत पर पेट्रोल बेचना शुरू कर दिया। वहीं कई पेट्रोल पंपों ने बिक्री बंद कर दी। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की सरकारी कंपनी नाइजीरियन नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (NNPC) ने कहा कि रिटेल कीमतों में बदलाव किया गया है। हालांकि कंपनी ने नई कीमतों का खुलासा नहीं किया। राजधानी अबूजा में एनएनपीसी के पेट्रोल पंपों पर बुधवार को पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 42 सेंट से करीब तीन गुना बढ़कर 1.16 डॉलर हो गई। सब्सिडी का दुरुपयोगनाइजीरिया में दूसरे देशों की तुलना में पेट्रोल की कीमत कम है। इसकी वजह यह है कि सरकार पेट्रोल पर सब्सिडी देती है। इससे पहले सरकार ने 2012 में इस सब्सिडी को हटाने का प्रयास किया था लेकिन इसके खिलाफ देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे। इस कारण सरकार को अपने कदम वापस खींचने पड़े थे। सरकार देश के ऑयल सेक्टर को डिरेगुलेट करना चाहती है और सब्सिडी खत्म करने का फैसला इसी रणनीति का हिस्सा है। कई जानकारों का मानना है कि पेट्रोल पर सब्सिडी का दुरुपयोग हो रहा है और इसमें भारी भ्रष्टाचार है। लंबे समय से इसे बंद करने की मांग की जा रही है।पेट्रोल पर सब्सिडी से सरकारी खजाने पर हर महीने करीब 86.7 करोड़ डॉलर की चपत लग रही थी। नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है लेकिन देश में तेल के रिफाइनिंग की कैपेसिटी नहीं है। इससे देश को रिफाइंड पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के आयात पर अरबों डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं। नाइजीरिया बढ़ते सरकारी खर्च, महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। पिछले सरकारों ने भी पेट्रोल सब्सिडी को हटाने का प्रयास किया था लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि सब्सिडी हटने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ेगी। ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 200 परसेंट से ज्यादा बढ़ेगी और देश में अपराध बढ़ सकते हैं।