मध्य प्रदेश के जबलपुर में तंदूर पर रोक लग गई है. प्रशासन ने शहर में तंदूर को प्रतिबंधित करते हुए जारी आदेश में रेस्टोरेंट मालिकों को एलपीजी का विकल्प दिया है. हालांकि इस फैसले पर अमल के लिए प्रशासन ने तीन दिन की मोहलत भी दी है. इधर, प्रशासन के यह आदेश मिलते ही होटल एवं रेस्टोरेंट मालिकों में हड़कंप मच गया है. लोगों ने इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है. रेस्टोरेंट मालिकों ने कहा कि यह शौक और स्वाद का मामला है. प्रशासन के इस फैसले से यह दोनों ही प्रभावित होंगे.
जानकारी के मुताबिक जबलपुर संभाग आयुक्त के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर के सभी होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को नोटिस जारी किया है. इसमें तीन दिन की मोहलत देते हुए विभाग ने सभी रेस्टोरेंट मालिकों को तंदूर बंद करने के आदेश दिए हैं. विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि तंदूर के धुएं से प्रदूषण हो रहा है और इस प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए तंदूर का बंद करना जरूरी है. हालांकि विभाग ने लोगों को इसी अवधि में आपत्ति भी दाखिल करने का विकल्प दिया है. प्रशासन की इस नोटिस के बाद से ही शहर के होटल और रेस्टोरेंट मालिकों में हड़कंप मच गया है.
प्रशासन के फैसले का विरोध शुरू
तंदूर बंद करने के लिए जारी नोटिस का शहर में विरोध शुरू हो गया है. होटल एवं रेस्टोरेंट संचालकों के मुताबिक यह शौक और स्वाद का मामला है. जब तंदूर बंद हो जाएगा तो इस शहर के लोगों के लिए तंदूरी रोटी का स्वाद और शौक दोनों ही सपना हो जाएगा. रेस्टोरेंट मालिकों ने प्रशासन के इस निर्णय को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह सीधा सीधा लोगों के स्वाद पर हमला है. इसे लागू करना बहुत मुश्किल हैं.
कोयले की जगह एलपीजी का करें इस्तेमाल
प्रशासन ने जारी नोटिस में कहा है कि तंदूर में कोयला या लकड़ी के स्थान पर एलपीजी गैस का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे प्रदूषण भी नहीं होगा और सस्ता भी पड़ेगा. चूंकि कोयले या लकड़ी के इस्तेमाल से धुआं ज्यादा होता है और शहर में प्रदूषण की बड़ी वजह यह धुआं ही है, इसलिए इस पर रोक लगाना जरूरी है. होटल और रेस्टोरेंट मालिक अपने तंदूर में कोयला या लकड़ी के स्थान पर एलपीजी गैस का इस्तेमाल कर प्रदूषण के रोकथाम में बड़ा सहयोग कर सकते हैं.