राजस्थान में रहने वाले भारतीय नागरिकता प्राप्त पाकिस्तानी विस्थापित समुदाय ने प्रदेश में रहीं विभिन्न सरकारों पर अपनी समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में ईवीएम में ‘नोटा’ (इनमें से कोई नहीं) का बटन दबाने की धमकी दी है।
समुदाय के कुछ सदस्यों को मताधिकार मिला है और कुछ को नहीं और इन सभी को राजनीतिक दलों से बहुत अपेक्षाएं हैं।
विस्थापितों के कल्याण के लिए काम कर रहे सीमांत लोक संगठन के अनुसार जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिलों की विधानसभाओं में रह रहे दो लाख से अधिक समुदाय सदस्यों को मताधिकार प्राप्त है।
संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा ने कहा कि ये प्रवासी पाकिस्तान में उत्पीड़न से बचने के लिए भारत आए थे और सम्मानित जीवन की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन किसी सरकार ने उनके बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया।