
2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ था पाक
पाकिस्तान को 2018 में आतंकवाद को धन मुहैया करवाने के आरोप में ग्रे लिस्ट में शामिल किया था। एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में कानूनी, वित्तीय, नियामक, जांच, अभियोजन, न्यायिक और गैर-सरकारी क्षेत्र की कमियों के चलते पाकिस्तान को निगरानी सूची में डाला था। इसके बाद एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए व्यापर सुधार कार्यक्रम की एक लिस्ट सौंपी थी। पाकिस्ता का दावा है कि उसने लिस्ट में दिए गए सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। पिछली बैठक के बाद पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी समेत संयुक्त राष्ट्र में नामित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया है। पाकिस्तान के दावे के अनुसार, ये सभी आतंकवादी अब जेल में कैद हैं।
पाकिस्तान पर क्या होगा असर
विशेषज्ञों का दावा है कि पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने पर पहले से ही मुश्किलों से जूझ रही अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, इससे पाकिस्तान से जुड़े वैश्विक लेनदेन की जांच कम करने में मदद मिल सकती है। पाकिस्तान से होने वाला हर बड़ा लेनदेन दुनियाभर की खुफिया एजेंसियों के निगाह पर रहता है। अब ऐसे लेनदेन की जांच में थोड़ी कमी आ सकती है। पाकिस्तान के दो बैंक एचबीएल और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान कंप्लायंस फेल्योर्स और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों के उल्लंघन में पहले ही करोड़ों रुपये का जुर्माना भर चुक हैं। ऐसे में इन बैंकों को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने से पाकिस्तान में विदेशी निवेश के रास्ते भी खुलेंगे।
पाकिस्तान में जश्न का माहौल, बधाई दे रहे नेता
एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के बाद पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान के लोगों को बधाई। पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ से हटा दिया गया है। पाकिस्तान जिंदाबाद। अन्य नेताओं ने भी इस फैसले पर खुशी जाहिर की है।