बेंगलुरु में 22 लाख का पैकेज, फिर पिता की हत्या ने बना दिया आईपीएस, जानिए क्यों चर्चा में हरदोई एसपी नीरज जादौन

सुधांशु मिश्र, : उत्तर प्रदेश के सुर्खियों में हैं। सोमवार को उनसे मिलने आई पीड़िता को हुई तकलीफ के लिए उन्होंने वीडियो जारी कर माफी मांगी है। बतौर एसपी 14 जुलाई 2024 को हरदोई का पदभार संभालने वाले जादौन 2015 बैच के आईपीएस अफसर हैं। मूलतः जैलौं के नौरेजपुर गांव रहे वाले जादौन का जन्म 1 जनवरी 1983 को कानपुर में हुआ था। उनके पिता नरेंद्र सिंह जादौन किसान थे।नीरज कुमार जादौन की प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई। वर्ष 2005 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीटेक किया। इसके बाद कुछ समय तक उन्होंने नोएडा की एक निजी कंपनी में कार्य किया और फिर बेंगलुरु में एक बड़ी विदेशी टेलीकॉम कंपनी में उनकी जॉब लग गई, जहां उनका सालाना पैकेज करीब 22 लाख का था।पिता की हत्या के बाद आईपीएस बनने की ठानी6 दिसंबर 2008 को किसी जमीनी विवाद के कारण उनके पिता नरेंद्र सिंह जादौन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय नीरज 26 साल के थे। परिवार में 5 भाई-बहनों में सबसे बड़े नीरज थे, इसलिए परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई। पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए पुलिस का कोई सहयोग उन्हें नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने टेलीकॉम कंपनी छोड़ दी और IPS बनने की ठान ली। वर्ष 2015 बैच के आईपीएस बने।जहां रहे चर्चा में रहेअपनी तेज तर्रार कार्यशैली के चलते नीरज कुमार जादौन हमेशा चर्चा में रहे। एक तरफ जहां पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए सजग रहे, तो वहीं पुलिसकर्मियों की गलतियों को भी उन्होंने कभी माफ नहीं किया। बिजनौर में उन्होंने 140 से अधिक पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था। बताया जाता है कि दिल्ली बॉर्डर के पास जब हिंसा हुई थी, तब नीरज ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कई लोगों की जान बचाई थी।हरदोई में की वन डे वन प्रॉब्लम की शुरुआतहरदोई में कार्यभार ग्रहण करने के बाद जादौन ने पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए ऑफिस और थानों में शिकायत लेकर आने वाले फरियादियों के लिए पर्ची सिस्टम की शुरुआत की। सभी थानों में वन डे वन प्रॉब्लम की शुरुआत भी की, जिसमें किसी भी पीड़ित की एक समस्या का थाना प्रभारियों को पूर्णतया निस्तारण करना होता है। वहीं, हरदोई के करीब 45 पुलिसकर्मियों को विभिन्न आरोपों में निलंबित किया। जिसके चलते थानों में पीड़ितों की रिपोर्ट तुरन्त दर्ज होने लगी। खुद जादौन रोज दस से दो बजे तक ऑफिस में बैठकर जनसुनवाई करते हैं।