नीलकमल, पटना: बिहार में भले ही अभी चुनाव दूर हैं लेकिन राजनीतिक पार्टियां मुस्लिम वोटरों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं। चाहे बीजेपी हो या जेडीयू, आरजेडी या फिर AIMIM चीफ ओवैसी, सभी की नजर मुसलमानों के वोट बैंक पर है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ज्यादातर राजनीतिक दलों का यह मानना है कि मुस्लिम वोटर एकजुट होकर जिधर का रुख करते हैं उस सीट पर उसी प्रत्याशी की जीत होती है। हालांकि, ऐसी बात नहीं है। जानकारों का कहना है कि कुछ सीटों पर मुस्लिम वोटर जरूर डिसाइडिंग फैक्टर हो सकते हैं, लेकिन उनकी संख्या सरकार बनाने के लिहाज से बेहद कम है। मुसलमानों के सबसे पवित्र महीने रमजान की शुरुआत इसी महीने होनी है। इसके पहले बिहार में 19 मार्च रविवार को सूबे की राजनीति मुसलमानों के नाम ही रही।बिहार बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की हुई बैठकबीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दिग्गज नेता भी शामिल हुए। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तुफैल कादरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी शामिल हुए। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं मैं शिरकत की। इस मौके पर सुशील मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से ही मुसलमानों को जनसंघ आरएसएस और उसके बाद बीजेपी का डर दिखाया गया। लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मुस्लिम समाज के हित में न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी एक नया रूप प्रदान किया।जानिए दिग्गजों ने क्या कहासुशील मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। लेकिन वहां का सबसे बड़ा एयरलाइन जिसका नाम गरूण है, ये हिन्दू-मुस्लिम के भेद को खत्म करने का सबसे बड़ा उदाहरण है। पीएम मोदी ने बिना भेदभाव किए सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के रास्ते पर चलकर अल्पसंख्यकों को राष्ट्र के मुख्य धारा में जोड़ने का काम किया है। खासकर मुस्लिम समाज के महिलाओं को तीन तलाक जैसे कुरीतियों को समाप्त कर उनके मान-सम्मान को बढ़ाने का काम किया।मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए बनी ये रणनीतिकार्यक्रम मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा को मुस्लिम समाज और पार्टी के बीच पुल बनाने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रति इस समाज में जो जहर घोलने का प्रयास किया गया, उसे पार्टी की ओर से अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यों को बताकर उनका भ्रम दूर करना चाहिए। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी ने भी मोदी सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए किए गए कार्यों का बखान किया। उन्होंने कहा कि बिहार में मोर्चा को बूथ स्तर तक कैसे मजबूत करें इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।ओवैसी ने भी मुसलमानों को रिझायामुसलमानों के बीच भाईजान के नाम से मशहूर असदुद्दीन ओवैसी भी बिहार में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी AIMIM के टिकट पर पांच विधायक जीत कर आए थे। लेकिन लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने असदुद्दीन ओवैसी को झटका देते हुए उनके सभी विधायकों को अपने पार्टी में शामिल करा लिया था। अब फिर से असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल को ही 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 बिहार विधानसभा चुनाव बेस कैम्प बनाने में जुटे हैं।अपने दो दिवसीय सीमांचल दौरे के दौरान आरजेडी ज्वाइन करने वाले अपने विधायकों को उन्होंने गद्दार घोषित कर दिया। वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कभी कुर्मी कोइरी से आगे बढ़ ही नहीं सकते। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों को भी अपने निशाने पर रखते हुए सीमांचल के मुसलमानों को रिझाने की कोशिश की।JDU ने मुसलमानों को बताया कन्वर्टेडयह भी संयोग है कि जनता दल यूनाइटेड के नेता और महागठबंधन सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने देश के मुसलमानों को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया। नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि भारत में रहने वाले 90 फीसदी मुसलमान पहले हिंदू हुआ करते थे लेकिन वह कन्वर्ट होकर मुसलमान बन गए। हालांकि अशोक चौधरी ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि देश के दलितों ने ब्राह्मणवाद की वजह से या तो मुस्लिम धर्म अपनाया या फिर बौद्ध धर्म को अपना लिया था। अशोक चौधरी के इस बयान पर बीजेपी ने कहा कि जेडीयू नेता का बयान 99 फीसदी सही है कि देश में रह रहे मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही थे। लेकिन अशोक चौधरी के बयान में 1 फीसदी लोग के लिए गलत बात कही गई है। वह यह है कि हिंदुओं ने ब्राह्मण की वजह से नहीं बल्कि मुगल आक्रांताओ ने हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार कर उन्हें जबरन इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर किया था। बीजेपी नेता प्रेमेंद्र पटेल ने यह भी कहा कि मुगलों के क्रूर शासक के खिलाफ हिंदुओं ने भी लड़ाई जारी रखी थी। लेकिन जो हिंदू डर गए थे, वही लोग आज देश में मुसलमान कहलाते हैं।