‘Manipur पर राजनीति कर रहा विपक्ष’, BJP नेताओं का आरोप- वो संसद में नहीं करना चाहते इसपर चर्चा

मणिपुर को लेकर देश की राजनीति जबरदस्त तरीके से गर्म है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर चल रहा है। संसद में भी कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है। विपक्षी दल लगातार संसद में इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके साथ उनकी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की भी मांग की जा रही है। दूसरी ओर सरकार साफ तौर पर कह रही है कि हम हर मामले पर चर्चा को तैयार हैं। विपक्ष को सदन चलने देना चाहिए। इसके बावजूद भी संसद में मणिपुर पर चर्चा नहीं हो पा रही है। विपक्षी दलों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया गया है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा का साफ तौर पर आरोप है कि मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी दल सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं। इसे भी पढ़ें: Manipur पहुंचे विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद, राज्यपाल से हो सकती है मुलाकात, अधीर रंजन ने कही यह बात भाजपा का आरोपकेंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि संसद के पहले दिन PM मोदी और अन्य नेताओं ने कहा था कि वे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस पर चर्चा नहीं करना चाहता और इस मुद्दे को जीवित रखना चाहता है। उन्हें पता है कि राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ की घटनाओं पर भी चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि हम इस (मणिपुर) मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन वे (विपक्ष) इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए।  इसे भी पढ़ें: Manipur Violence के पीछे क्या China का हाथ है? पूर्व सेनाध्यक्ष General (R) Naravane के बयान से हुआ बड़ा खुलासाManipur पहुंचे विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसदविपक्षी दल इंडिया के 16 दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए आज इम्फाल पहुंचा, जहां लगभग तीन महीने से जातीय हिंसा भड़की हुई है। मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और संसद को सिफारिशें भी करेगा। इंफाल पहुंचने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी राज्यपाल से कई मांगें हैं। उन्होंने कहा, “राज्यपाल से हमारी कई मांगें हैं, हम कोई भी फैसला लेने से पहले एक सर्वेक्षण कराना चाहते हैं और आपस में चर्चा करना चाहते हैं।”