नई दिल्ली: () भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान हैं। जब रोहित शर्मा (Rohit Sharma) नहीं होते हैं तो उन्हें टीम की कप्तानी करने का मौका मिलता है। भारत 91 साल से टेस्ट खेल रहा है और सिर्फ 36 खिलाड़ियों को कप्तानी करने का मौका मिला है। इससे साफ है कि यह पद कितना खास है। लेकिन क्या केएल राहुल का खेल खास है। वह उपकप्तान और प्लेइंग इलेवन तो छोड़िए, 15 सदस्यीय टीम में भी जगह पाने के हकदार हैं क्या? रिकॉर्ड देखें तो जवाब है- नहीं।गिल को बाहर कर मिला मौकाइनफॉर्म शुभमन गिल को बाहर रखकर केएल राहुल को नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए खेलने का मौका मिला। वह 20 रन बनाकर डेब्यू मैच खेल रहे मर्फी का शिकार बने। इस 20 रन को बनाने के लिए राहुल ने 71 गेंदों का सामना किया। दूसरी तरफ गिल ने बांग्लादेश में टेस्ट सीरीज में शतक लगाया था। वहीं गिल के साथ ओपनिंग करने वाले राहुल ने वहां 4 पारियों में 57 रन बनाए थे। राहुल ने 2014 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था। उनके बल्ले से टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में शतक आए हैं। यह बड़ी उपलब्धि है लेकिन ओवरऑल रिकॉर्ड भी तो देखना पड़ेगा। 46 टेस्ट मैच की 79 पारियों में केएल राहुल ने 7 शतक की मदद से 34.07 की औसत से 2624 रन बनाए हैं। भारत के लिए टेस्ट में 26 खिलाड़ियों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं। इसमें सिर्फ कपिल देव, रविचंद्रन अश्विन और सैयद किरमानी का ही औसत राहुल से खराब है। और ये तीनों प्रमुख बल्लेबाज नहीं हैं। 2018 से स्थिति और खराबकेएल राहुल ने डेब्यू से लेकर 2017 तक 21 टेस्ट खेले थे। इसमें 44.62 की औसत से उन्होंने 1428 रन बनाए थे। इसमें चार शतकीय पारी भी शामिल थी। लेकिन उसके बाद से स्थिति और बिगड़ गई है। 25 टेस्ट में राहुल ने 26.57 की औसत से 1196 रन बनाए हैं। राहुल अप्रैल में 31 साल के हो जाएंगे। यानी ये भी नहीं कहा जा सकता है टीम मैनेजमेंट उनके भविष्य देख रही है। फिर ऐसे खिलाड़ियों को किस आधार को लगातार खेलने का मौका मिल रहा है।साल दर साल टेस्ट में केएल राहुल का प्रदर्शन:सालमैचरन औसत2014142.002015425231.502016753959.882017963348.6920181246822.282019311022.002020—2021546146.102022413717.1220231*2020.00पिछली 10 पारियों में एक बार 25+ का स्कोरकेएल राहुल ने टेस्ट क्रिकेट में पिछली 10 पारियों में सिर्फ एक ही बार 25+ का स्कोर बनाया है। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने 50 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा वह 23, 8, 12, 10, 22, 23, 10, 2, 20 रन बनाकर आउट हो गए। टेस्ट करियर की शुरुआती 10 पारियों में राहुल के बल्ले से दो शतक निकले थे। लेकिन अन्य 8 में से 7 पारियों में वह दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू पाए थे। यानी उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी साफ दिखती है। अपने करियर में अभी तक वह लगातार दो टेस्ट में शतक नहीं लगा पाए हैं।घर और बाहर केएल राहुल का प्रदर्शनघरेलू मैदान पर केएल राहुल ने 15 टेस्ट में 43.09 की औसत से 905 रन बनाए हैं। इसमें सिर्फ एक शतक है। विदेश में खेले 31 टेस्ट में उन्होंने 6 शतक जरूर लगाए हैं। लेकिन सिर्फ 30.69 की औसत से 1719 रन ही बना सके हैं। यानी बाहर शतक तो हैं लेकिन उसके अलावा वह सस्ते में ही आउट हुए हैं और इसी वजह से औसत सिर्फ 30 का है।दूसरों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों?अजिंक्य रहाणे के टेस्ट में औसत 38.52, मयंक अग्रवाल का 41.33, शिखर धवन का 40.61 और हाल ही में संन्यास लेने वाले मुरली विजय का 38.28 है। इसके बाद भी ये टीम से बाहर हैं। मुरली विजय को 2018 के बाद मौका नहीं मिला और उन्होंने संन्यास ले लिया। धवन और रहाणे के लिए भी दरवाजे लगभग पूरी तरह बंद हो चुके हैं। लेकिन राहुल खेल रहे हैं और पता नहीं कब तक खेलते रहेंगे।