इस गांव में रहती हैं सिर्फ औरतें, पुरुषों के लिए है ‘नो एंट्री’, बेटे को भी 18 के बाद छोड़ देती हैं महिलाएं

नैरोबी : ‘A Place For Women, By Women’, उत्तरी केन्या के सैमबुरु काउंटी का एक गांव उमोजा (Umoja) इसी की प्रतिनिधित्व करता है। यह एक ऐसा गांव है जहां सिर्फ महिलाएं रहती हैं। यह काफी हद तक अन्य आदिवासी बस्तियों जैसा ही दिखता है, बस एक फर्क है- यह गांव पुरुषों से शून्य है। उमोजा स्वाहिली भाषा का एक शब्द है जिसका इस्तेमाल ‘एकता’ के लिए किया जाता है जिसका कॉन्सेप्ट इस समुदाय के मूल में है। 1990 में लिंग-आधारित हिंसा से बचकर भागने वाली महिलाओं के लिए एक सुरक्षा शिविर के रूप में स्थापित, उमोजा गांव आज सभी उम्र की महिलाओं का घर है।लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए इस गांव में पुरुषों की एंट्री बैन है। उमोजा में ज्यादातर वे महिलाएं रहती हैं जिन्होंने यौन हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना किया है, जिन्हें उनके परिवार वालों ने छोड़ दिया है या वे जो बाल विवाह या महिलाओं के खतने से बचकर भागी हैं। सीएनएन की खबर के अनुसार, घाना के फोटोग्राफर पॉल निंसन को पहली बार एक ब्लॉग पोस्ट से उमोजा महिलाओं के बारे में पता चला था। गांव में रहे हैं 50 परिवार2017 में निंसन ने इस गांव की तस्वीरें लेने के लिए केन्या जाने का फैसला किया। महिलाओं के साथ किसी तरह का कोई संपर्क न होने के चलते अपनी यात्रा में वह लगातार भटकते रहे। उन्हें बस गांव की जनरल लोकेशन पता थी। उमोजा के पहले कुछ सदस्य सम्बुरु गांवों से थे। हालांकि सटीक संख्या घटती-बढ़ती रहती है लेकिन अपने सबसे बड़े स्तर पर यह आत्मनिर्भर गांव महिलाओं और उनके बच्चों से बने करीब 50 परिवारों का घर रहा है।महिलाओं के अधिकारों के बारे में करता है जागरुकगांव अपने निवासियों को महिलाओं के अधिकारों और लिंग आधारित हिंसा के बारे में लगातार शिक्षित करता है। महिलाओं के किसी भी पुरुष बच्चे को 18 वर्ष की आयु तक गांव में रहने की अनुमति है। पॉल निंसन ने कहा कि इस गांव तक पहुंचना बहुत मुश्किल था और उनकी यात्रा का मकसद समझने के बाद ही महिलाओं ने उन्हें गांव में घुसने दिया। निंसन ने कहा कि जब उन्होंने महिलाओं की उनकी तस्वीरें दिखाईं तो वे ‘बहुत, बहुत खुश’ हुईं।