नई दिल्ली: दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल चलने की खबर आप तक पहुंच ही गई होगी। हालांकि अभी इस के शुरू होने में देरी है। लेकिन उससे पहले खासकर उन लोगों के लिए तो यह खबर किसी गुड न्यूज से कम नहीं है जो रोजाना ऑफिस या किसी जरूरी काम से इस रूट पर ट्रेवल करेंगे। एक तो रोज के जाम से मु्क्ति मिलेगी वहीं सफर भी आरामदायक होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन इस रूट पर जाने वाले यात्रियों के लिए खास व्यवस्था करने जा रही है। अब रैपिड रेल में प्रीमियम कोच को भी जोड़ा जाएगा। इन कोच को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे लोग अपने निजी वाहन को छोड़कर इस नई रेल सेवा की तरफ ज्यादा से ज्यादा आकर्षित हों। हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की व्यवस्था, पर्याप्त स्पेस और कुशन वाली आरामदायक सीट मतलब सफर के दैरान काम और मनोरंजन के दौरान कोई रुकावट नहीं। अब इन सबके बाद आपके मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे होंगे किआखिर यह बाकी कोच से कितना अलग होगा, एंट्री कैसे होगी और क्या सुविधाएं होंगी आदि। हम आपको आपके ही सवालों के जवाब से इसकी पूरी जानकारी देंगे। प्रीमियम कोच तक कैसे पहुंचेंगे अब हम आपको बताते हैं कि आप रैपिड रेल के इस प्रीमियम कोच तक पहुंचेंगे कैसे। अगर आपको प्रीमियम कोच का आनंद लेना है तो इसके लिए आपको टिकट या नैशनल मोबिलिटी कार्ड को डबल टैप करना होगा। आपको इसके लिए ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट के पास जाना होगा जहां आप दो बार टैप कर पाएंगे। इसके बाद आपको प्रीमियम लाउन्ज से होते हुए प्रीमियम कोच की तरफ जाना होगा। क्योंकि आप प्रीमियम कोच तक तभी पहुंच पाएंगे जब आप इस प्रीमियम लाउन्ज से होकर निकलेंगे।प्रीमियम कोच लगाने के पीछे की वजह जान भी जान लीजिए नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन(NCRTC) के एक अधिकारी ने बताया कि हमने यह तय किया है कि हम हर RRTS ट्रेन में एक प्रीमियम कोच की सुविधा देने वाले हैं। इसके पीछे हमारा मकसद लोगों को अपने निजी वाहन छोड़ इस खास सुविधा का आनंद लेने के लिए आकर्षित करना है। इससे लोगों को सड़क पर लंबे जाम से भी मुक्ति मिलेगी। अधिकारी ने आगे बताया कि इन परिवर्तनकारी योजनाओं जैसे RRTS का उद्देश्य पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाना है। RRTS अधिकारियों की मानें तो रोजाना दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ जाने वाले लोगों की संख्या 8 लाख तक हो सकती है। इससे सालाना 2.5 लाख कार्बनडायऑक्साइड उत्सर्जन कम होने की भी उम्मीद है। प्रीमियम कोच के बारे में जानिए सबकुछ फंक्शनल ट्रांसपोर्ट प्लान 2032 और 2007 के डेटा के अनुसार, रोजाना 11 लाख से ऊपर वाहन दिल्ली के बॉर्डर को क्रॉस करते हैं। इनमें से एक चौथाई वह वाहन होते हैं जो एनसीआर से दिल्ली और दिल्ली से एनसीआर की ओर जाते हैं। इसी को देखते हुए प्रीमियम कोच को बड़े तरीके से डिजाइन किया गया है। एयर कंडीशनयुक्त इस कोच में सीटों की साइज 2*2 ट्रांसवर्स सीटिंग की व्यवस्था है, खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह है, सामान रखने के लिए रैक, डायनमिक रूट मैप्स, ऑटो कंट्रोल एंबियंट लाइटिंग सिस्टम सहित कई सुविधाएं हैं। वहीं यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से RRTS स्टेशनों और ट्रेनसेट को 24 घंटे 7 दिन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा जाएगा। इसके अलावा लोगों के एंट्री और एग्जिट के लिए तीन गेट बनाए गए हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि मेक इन इंडिया के तहत रैपिड रेल का निर्माण गुजरात के सावली में किया गया है।