दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह शहर में एक दर्जी और दूसरे समुदाय के कुछ लोगों के बीच विवाद हुआ था। इसकी वजह से उनमें झड़प हो गई थी। इसके बाद दूसरे समुदाय के सैकड़ों लोग दमोह कोतवाली थाना को घेरने पहुंच गए। थाना घेरने पहुंचे लोग मारने और काटने की धमकी दे रहे थे। कोतवाली थाना को घेरकर लोग जमकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामा कर रहे लोगों के बीच कोतवाली थाने के प्रभारी आनंद सिंह ठाकुर अकेले पहुंच गए। उन्हें देखकर लोगों ने और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद टीआई आनंद सिंह ठाकुर रियल सिंघम बन गए। वह उपद्रवियों से अकेले ही भिड़ गए। साथ ही शोर मचा रहे लोगों के बीच में उतरकर कहा कि मैं अकेले आ गया हूं। इसके बाद उन्होंने शोर मचा रहे लोगों के सामने दहाड़ लगाई। साथ ही कहा कि क्या बात कर रहे हो। उन्होंने दहाड़ते हुए उपद्रवियों को कहा कि जमीन से मैं आरोपियों को खोज लाऊंगा क्या बात कर रहे हो। इसके बाद टीआई आनंद ठाकुर माइक थामकर लोगों से पूछते हैं कि क्या इससे समाधान हो जाएगा। इसके बाद वह चिल्लाते हुए शोर को शांत करवाते हैं। उनकी सख्ती के बाद भीड़ से नारेबाजी कम होती है। वह फिर चिल्लाते हैं कि मैं अकेला खड़ा होता हूं, हाथ लगाओ कोई। पुलिस अफसर आनंद ठाकुर कहते हैं कि ये कौन सी बात होती है कि हाथ काट देंगे। उन्होंने कहा कि जब मैं बोल रहा हूं कि हम कार्रवाई करेंगे। इंटरनेट पर छाया वीडियोवहीं, दमोह कोतवाली थाना प्रभारी आनंद सिंह ठाकुर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। साथ ही उनकी हिम्मत को दाद भी दे रहे हैं कि कैसे उपद्रवियों को शांत करवा दिया है। दमोह पुलिस की कार्यशैली की तारीफ मध्य प्रदेश सीएम मोहन यादव ने भी की है। एएसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि पुलिस ने शनिवार रात हुई घटना के संबंध में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से एक को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन करने और भड़काऊ भाषण देने के लिए 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।ये है पूरा मामलापुलिस ने बताया कि कपड़े सिलने को लेकर चार लोगों का एक दर्जी से विवाद हो गया, जिसके कारण शनिवार की रात उनके बीच हाथापाई हो गई। इस दौरान कथित तौर पर एक धार्मिक नेता के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। दमोह एसपी सुनील तिवारी ने बताया कि कुछ देर बाद विरोध करने के लिए भीड़ कोतवाली थाने के बाहर जमा हो गई। भीड़ में से कुछ युवकों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश।उन्होंने बताया कि बताया कि भीड़ में शामिल चालीस लोगों पर दंगा करने और भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया है। उनकी पहचान की जा रही है।