‘शादी की 25वीं सालगिरह पर पता चला मुझे कैंसर है,’ डटकर किया मुकाबला और जीती जिंदगी की जंग

नई दिल्‍ली: कॉरपोरेट जगत से ताल्लुक रखने वाली डिंपल राज ट्राई एथलीट और होममेकर हैं। एक्टिव लाइफस्‍टाइल के बावजूद फरवरी 2020 में उन्हें कैंसर होने का पता चला था। तब से उनकी कई बड़ी सर्जरी और ट्रीटमेंट हो चुका है। किसी के भी जीवन में 25 साल का साथ मील का पत्थर होता है। इसे यादगार माना जाता है। शादी की 25वीं सालगिरह पर उनके मेडिकल टेस्‍ट का रिजल्‍ट आया था। इसमें कैंसर होने का पता चला था। अगले कुछ दिन डॉक्टरों से सलाह लेने और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से अलग-अलग राय लेने में बीते। डिंपल के भाई भी डॉक्‍टर हैं। उनकी मदद से वह शहर के बेस्‍ट ऑन्कोलॉजिस्ट सर्जनों में से एक के पास गाइडेंस के लिए जा सकीं। उन्होंने सावधानी से समझाया कि डिंपल के पास हाथ में क्या है। उन्‍हें इस बीमारी के साथ आगे कैसे लड़ना है। यह सब कुछ उनके पेट में भारीपन के साथ शुरू हुआ। इसके बाद उन्‍होंने कम्‍प्‍लीट हेल्‍थ चेक-अप कराया। अल्ट्रासाउंड में पेट में एक बड़े सिस्‍ट के बारे में पता चला। ब्‍लड रिपोर्ट में इसका संबंध कैंसर से निकला। सिस्ट का आकार और मामले की गंभीरता इतनी थी कि उसे हटाने के लिए तुरंत सर्जरी के लिए भर्ती होना पड़ा। यह बड़ी सर्जरी थी। डॉक्‍टरों ने सिस्ट को बहुत सावधानी से अच्छी तरह हटा दिया। कुल मिलाकर यह हाईग्रेड कैंसर था। सर्जरी लगभग 4 घंटे तक चली। डॉक्टरों ने उन्‍हें बचाने का अद्भुत काम किया। वह अच्छी तरह से ठीक हो रही थीं। हर हफ्ते उन्‍हें अपने डॉक्टर से मिलना पड़ता था। कई चरणों में उनके 40 से ज्‍यादा टांके हटाए जाने थे। डिंपल को ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श करने के लिए भी कहा गया था। उन्‍होंने बताया था कि कैंसर किसी अन्य हिस्से में नहीं फैला है। उसे पूरी तरह से हटा दिया गया है। हालांकि, उन्‍हें छह कीमोथेरेपी सत्रों की आवश्यकता होगी। उन्‍होंने कैंसर पीड़ित दोस्तों और परिवार से बात करके खुद को कीमोथेरेपी के लिए तैयार करना शुरू कर दिया। आया ज‍िंंदगी में फ‍िर झटका तभी डिंपल को एक और झटका लगा। सर्जरी से जुड़ी जटिलताएं, जो कभी-कभार ही होती हैं, वह उनका शिकार हो गईं। जब पेट से इतने सारे अंग हटा दिए जाते हैं, तो उस क्षेत्र के अन्य अंग अंदर की अतिरिक्त जगह से तालमेल बिठाने की कोशिश करते हैं। उनके मामले में आंत ने पाचन को रोककर ढेर बनाना शुरू कर दिया था। यह उनके जीवन के सबसे दर्दनाक हफ्तों में से एक था। जब वह गहन देखभाल में थी और अस्पताल के कमरे में ट्यूब और तारों से घिरी हुई थीं तब COVID-19 महामारी भी चल रही थी। दूसरी बार अस्पताल में भर्ती होने के तीन हफ्ते बाद डिंपल ने अपने डॉक्टरों के साथ अपॉइंटमेंट लिया। इस बार उन्‍हें बताया गया कि उन्‍हें तत्काल कीमोथेरेपी (सीटी) सत्रों की आवश्यकता है। पहले ही एक लंबा अंतराल बीत चुका था। कीमोथैरेपी का पहला सत्र अपने आप में इतना दर्दनाक नहीं था, लेकिन बाद में जो हुआ उसका दुष्प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ा। साइड इफेक्‍ट का शिकार बनींसाइड इफेक्ट अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होते हैं। सत्र के लगभग 36 से 40 घंटे के बाद डिंपल बिस्तर से उठने या कुछ भी खाने में असमर्थ हो जाती थीं। शरीर के हर एक जोड़ में असहनीय दर्द होता था। यह एक सप्ताह तक चलता था। तब तक अगले कीमोथेरेपी सत्र का समय आ जाता था। तीन हफ्तों के अंतरिम समय के दौरान उन्‍हें अपने रक्त की मात्रा पर नजर रखनी होती थी। अपने डब्ल्यूबीसी स्तर को बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगवाने होते थे। उनकी इम्‍यूनिटी कम हो रही थी। कोरोनावायरस चारों ओर फैल रहा था। किसी तरह उन्‍होंने तीन सीटी सेशन पूरे किए। विचार किया कि क्या उन्‍हें अन्य तीन से गुजरना होगा।कैंसर ने डिंपल की पूरी जिंदगी रोक दी थी। लेकिन, इस दौरान उन्‍हें परिवार का खूब सपोर्ट मिला। उनके पति और बेटे को काफी समस्‍याएं झेलनी पड़ीं। लेकिन, उन्‍होंने कभी शिकायत नहीं की। उनके पिता ने भी करीब 20 साल तक कैंसर की जंग लड़ी थी। वह डिंपल की हौसलाअफजाई के लिए कहते कि जब वह उस उम्र में कैंसर को हरा सकते हैं तो डिंपल तो बहुत यंग हैं। डिंपल के पिता सेना में रिटायर्ड कर्नल हैं।