एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक भारतीय सेना 6-4-4 का फॉर्मूला अपनाती है। यानी 9 हजार से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर 6 दिन का एक्लेमटाइजेशन, 12 से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 4 दिन का और 15 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर 4 दिन का एक्लेमटाइजेशन। इसमें शुरू के 6 दिन सबसे अहम होते हैं। चीनी सेना एक्लेमटाइजेशन चेंबर के जरिए दिन कम कर इसे बहुत हल्के में ले रही है और इसका खामियाजा चीनी सैनिक भुगतेंगे। 14 दिन की जगह 3 दिन में यह करने के पीछे चीन का मकसद यह है कि वह जल्दी अपने सैनिकों को हाई एल्टीट्यूट पर भेजने के लिए तैयार कर ले।
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि यदि भारतीय सैनिकों को हाई एल्टीट्यूड का बादशाह कहा जाता है तो वह इसलिए कि सैनिकों में जिगर है और वह जिगर तभी होता है जब शरीर के साथ खिलवाड़ न किया जाए। हम भी दवाई खाकर चार दिन में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर जा सकते हैं, लेकिन यह अननेचुरल है। उस ऊंचाई पर हमें फिट होना होता है ताकि लड़ाई कर सकें और जीत सकें। 3 दिन में चेंबर के सहारे एक्लेमटाइज होना चीनी सैनिकों पर भारी पड़ सकता है।