सरकार ला रही अब ‘भारत आटा’, बाजार में सबसे सस्ता होगा, जानिए कहां-कहां मिलेगा

नई दिल्ली: इस साल गेहूं का दाम शुरू से ही कुछ ज्यादा रहा है। जब गेहूं के फसल की कटाई हुई थी, तभी खुले बाजार में अनब्रांडेड आटा 30 रुपये किलो बिक रहा था। इस समय तो इस आटे का रेट 35 रुपये किलो पर चला गया है। ब्रांडेड आटा की बात करें तो यह 40-50 रुपये किलो बिक रहा है। एमपी गेहूं के आटे का तो भाव ही मत पूछिए। लोगों को आटे की महंगाई से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार बेचने वाली है। इस बारे में हाइयर लेवल पर फैसला हो चुका है। सस्ते आटे की बिक्री की शुरुआत इसी महीने सात तारीख से हो सकती है।भारत ब्रांड नाम से बिकेगा आटाकेंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी आटे की बिक्री भारत ब्रांड के तहत होगी। इसका रेट 27.50 रुपये प्रति किलो हो सकता है। हालांकि इस बारे में अभी कुछ और मंथन होना है। बताया जाता है कि इसके लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) को नोडल एजेंसी बनाया जा सकता है। भारत ब्रांड आटे के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) सेंट्रल पूल से ढाई लाख टन गेहूं अलॉट कर रहा है। इसे मिलर से पिसवा कर 10 किलो और 30 किलो की पैकिंग में बेचा जाएगा।इससे पहले से बिक रही है सस्ती दालइसी साल जून-जुलाई की बात है। उस समय दालों की कीमत आसमान में पहुंच गई थी। तब केंद्र सरकार ने 17 जुलाई 2023 से भारत ब्रांड नाम से सस्ते चना दाल की बिक्री शुरू की थी। के तहत एक किलो का खुदरा पैक बनाया गया है। इसका दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम रखा गया है। यदि कोई व्यक्ति 30 किलो का पैक लेता है तो उसके लिए उन्हें 55 रुपये किलो का दाम चुकाना होगा। कौन बेचेगा भारत आटामंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि का वितरण भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ), केन्द्रीय भंडार और सफल की खुदरा दुकानों के माध्यम से किया जा सकता है। इस व्यवस्था के अंतर्गत सस्ता आटा राज्य सरकारों को उनकी कल्याणकारी योजनाओं, पुलिस, कारागारों के अंतर्गत आपूर्ति के लिए और राज्य सरकार नियंत्रित सहकारी समितियों और निगमों के खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए भी उपलब्ध कराई जा सकती है। सरकार कैसे बेचती है सस्ती चीजेंआम जनता को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बनाए हुए है। इसके अंतर्गत कुछ एग्री कमोडिटी का बफर स्टॉक रखती है। इन वस्तुओं की कीमतें यदि असामान्य रूप से चढ़ती हैं तो सरकार बफर स्टॉक से कैलिब्रेटेड और लक्षित तरीके से बाजार में उसे जारी करती है।