पटना: शिक्षक अभ्यर्थियों के विरोध के बीच बिहार सरकार ने एक बार शिक्षक भर्ती नियमावली को बदल दी। अब दूसरे राज्य के कैंडिडेट भी बिहार में टीचर बन सकेंगे। नीतीश सरकार ने शिक्षक बहाली नियमावली में बदलाव किया है। सरकार ने बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 के संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। नियमावली में संशोधन के बाद अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार में शिक्षक बन सकेंगे। सरकार ने बिहार में शिक्षक बनने के लिए अब बिहार का स्थाई निवासी होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया।बिहार कैबिनेट में 25 प्रस्तावों को मंजूरीकैबिनेट में कुल 25 प्रस्तावों पर मुहर लगी। बिहार सरकार ने पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत 8 जिलों अररिया, अरवल, नवादा, मधुबनी, लखीसराय, वैशाली, कटिहार और सीतामढ़ी में 520 बेड के अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू विद्यालय निर्माण के लिए 46 करोड़ 35 लाख 28 हजार प्रति विद्यालय की दर से कुल 370 करोड़ 82 लाख 24 हजार रूपए की स्वीकृति दी। पंचायती राज विभाग में 675 नई वैकेंसीवहीं, पंचायती राज विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में लिपिक संवर्ग के पहले से सृजित पदों के अलावे 675 नए पदों के सृजन को कैबिनेट ने मंजूरी दी। सरकार ने खान-भूतत्व विभाग, खाद्य-उपभोक्ता संरक्षण विभाग, पंचायती राज विभाग, पिछड़ा वर्ग-अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, पथ निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, शिक्षा, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कृषि, पर्यटन, उद्योग और जल संसाधन विभाग समेत अन्य विभागों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।विरोध का नया मोर्चा खोलना तयबिहार सरकार की नई शिक्षक भर्ती नियमावली का अभ्यर्थी पहले से विरोध कर रहे हैं। अब नए संशोधन से नया विरोध सामने आ सकता है। नए संशोधन के मुताबिक अब किसी राज्य के अभ्यर्थी बिहार में टीचर बन सकते हैं।