अब अंबेडकर यूनिवर्सिटी और DU में BBC डॉक्यूमेंट्री पर बवाल, रोकने के लिए काटी बिजली, छात्रों को हिरासत में लिया

देश भर में पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया, द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के जामिया और जेएनयू के बाद अब शुक्रवार को अंबेडकर यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की कोशिश की, लेकिन अंबेडकर यूनिवर्सिटी में जहां बिजली काट दी गई, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालयगई के बाहर धारा 144 लागू कर छात्रो को हिरासत में ले लिया गया।उधर दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी कुछ छात्र संगठनों ने आज बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया था। छात्र संगठन एनएसयूआई ने शुक्रवार शाम 4 बजे आर्ट्स डिपार्टमेंट के गेट नंबर 4 पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया था। हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने आर्ट्स फैकल्टी के बाहर धारा 144 लगा दिया। इसके खिलाफ एनएसयूआई के छात्रों ने प्रदर्शन किया तो कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।#WATCH | Students & members of NSUI protesting outside the Faculty of Arts at the University of Delhi, being detained by the PoliceProvisions u/s 144 CrPC are imposed outside the Faculty,in wake of a call by NSUI-KSU for screening of a BBC documentary on PM Modi, at the Faculty pic.twitter.com/EYWjubCSfy— ANI (@ANI) January 27, 2023

दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र शुक्रवार दोपहर बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया, द मोदी क्वेश्चन’ दिखाना चाहते थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी, बावजूद इसके छात्र स्क्रीनिंग की जिद पर अड़े रहे जिसके बाद विश्वविद्यालय ने बिजली का कनेक्शन काट दिया।कैंपस में बिजली काटने पर छात्रों ने अपने लैपटॉप पर ही डॉक्यूमेंट्री देखनी शुरू कर दी, छात्र लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी करते रहे। इस दौरान छात्रों के दो अलग-अलग गुटों में डॉक्यूमेंट्री दिखाने और स्क्रीनिंग रोकने को लेकर झड़प भी हुई। इसको देखते हुए विश्वविद्यालय में व्यापक पुलिस सुरक्षा के इंतजाम किए गए और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।Delhi | A large number of security personnel deployed outside the Faculty of Arts at the University of Delhi in wake of a call by NSUI-KSU for the screening of a BBC documentary on PM Modi, at the Faculty. Provisions under Section 144 CrPC imposed outside the Faculty. pic.twitter.com/zPZvGhygbe— ANI (@ANI) January 27, 2023

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी के आर्ट फैकल्टी के बाहर एनएसयूआई और अन्य छात्रों के बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के ऐलान पर दिल्ली पुलिस ने फैकल्टी के बाहर धारा 144 लागू कर दी है। पुलिस और प्रशासन के इस कदम का जब एनएसयूआई के सदस्यों और अन्य छात्रों ने जब विरोध किया तो कई छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली की एडीसीपी रश्मि शर्मा ने बताया कि जो सार्वजनिक व्यवस्था और शांति व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करता है, उस पर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ती है। और ऐसा ही आज किया जा रहा है।#WATCH | A fresh commotion breaks out outside Faculty of Arts at University of Delhi as Police detain a few members of the students’ wing of Bhim Army.Sec 144 CrPC imposed outside the Faculty. NSUI-KSU has given a call for screening of BBC documentary on PM Modi, at the Faculty pic.twitter.com/dUHuWlM8v8— ANI (@ANI) January 27, 2023

इससे पहले ऐसी ही घटनाएं जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हो चुकी हैं। यहां कुछ छात्र गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री दिखाना चाहते थे, लेकिन यह स्क्रीनिंग रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ कार्यालय की बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काट दिया। विश्वविद्यालय ने छात्रों को कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित बीबीसी की डाक्यूमेंट्री ‘इंडिया, द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग को रद्द करने का निर्देश देते हुए सख्त लहजे में कहा है कि स्क्रीनिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार, बीबीसी की गुजरात दंगों के संदर्भ में पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा बता चुका है। विदेश मंत्रालय इस संबंध में कह चुका है कि हम नहीं जानते कि डॉक्यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है, यह दुष्प्रचार है। वहीं विपक्ष के कई नेताओं ने डॉक्यूमेंट्री का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने इस विवाद पर कहा कि सच छिपाया नहीं जा सकता है।