
कोर्ट ने चार दिन की हिरासत में भेजा
रायपुर जिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत ने सौम्या चौरसिया को चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। चौरसिया के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया। ईडी ने चौरसिया की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया, लेकिन विशेष अदालत ने केवल चार दिन की हिरासत में भेजा। छह दिसंबर को एक बार फिर सौम्या चौरसिया को ईडी कोर्ट में पेश करेगी।
ईडी का दावा, सौम्या के खिलाफ पर्याप्त सबूत
रिजवी ने कहा कि ईडी ने चौरसिया की हिरासत के लिए एक भूखंड की कथित खरीद का उल्लेख किया, जो आयकर विभाग के दायरे में आता है। चौरसिया पहले ही इस सौदे के बारे में स्पष्टीकरण दे चुकी थीं। ईडी का मानना है कि भूमि खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया धन कोयला ढुलाई घोटाले से आया हो सकता है। वहीं, ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी के पास मामले में चौरसिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों के पहरे में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया।
सीएम ने ईडी पर साधा निशाना
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया। बघेल ने ट्वीट कर कहा कि मैं कहता रहा हूं, ईडी द्वारा मेरी उप सचिव सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी एक राजनीतिक कार्रवाई है। हम इसके खिलाफ पूरी ताक़त से लड़ेंगे। बघेल ने पिछले हफ्ते ईडी पर निशाना साधते हुए जांच एजेंसी पर अपनी हद पार करने और राज्य में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था। ईडी ने अपनी जांच के तहत अक्टूबर में राज्य के कई शहरों में छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया। चारों न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
बीजेपी ने बघेल को लिया लपेटे में
दूसरी ओर, बीजेपी ने इसको लेकर बघेल सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अब सबके सामने आ गया है कि आदिवासी समाज,अन्य पिछड़ा वर्ग, सहित सारे छत्तीसगढ़िया समाज के हक पर डाका डलवा कर छत्तीसगढ़ को लूटने में किसका संरक्षण है।
दो महीने से हो रही थी पूछताछ
ईडी द्वारा आयकर विभाग की एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद धन शोधन की जांच शुरू की गई। ईडी ने कहा है कि धन शोधन की जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, नेता और बिचौलिए के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में ढुलाई किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की गई है। इस मामले में ईडी की टीम पिछले 2 महीने से लगातार सौम्या चौरसिया से पूछताछ कर रही थी।