अब बैजबॉल से ही टेंशन में इंग्लैंड, सीरीज के बीच ही क्या भारत के खिलाफ बदलेगी टीम की स्ट्रेटजी?

नई दिल्ली: 12 मई 2022, ये वो तारीख है, जिस दिन ब्रैंडन मैकुलम को इंग्लैंड टेस्ट टीम का हेड कोच बनाया गया। वाइट बॉल फॉर्मेट का एक विस्फोटक बल्लेबाज, न्यूजीलैंड का पूर्व कप्तान जो चंद माह पहले तक आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स का हेड कोच था, उसका अचानक इंग्लैंड की ‘टेस्ट टीम’ से जुड़ना कई लोगों को अजीब लगा। मगर ये इंग्लैंड के लिए नए युग की शुरुआत थी। ब्रैंडन मैकुलम की कोचिंग और बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड अब टी-20 अंदाज में टेस्ट मैच खेलने लगी थी। अटैकिंग बैटिंग, अटैकिंग बॉलिंग, अटैकिंग प्लानिंग सबकुछ अटैकिंग। इंग्लैंड के इस अटैकिंग ब्रांड ऑफ क्रिकेट का नाम बैजबॉल भी मैकुलम के निकनेम ‘बाज’ पर ही पड़ा। मई 2022 के बाद से इंग्लैंड ने 18 में से 13 मैच जीतकर भारत दौरे की शुरुआत की थी। यानी 19 महीने में 72 परसेंट विनिंग परसेंटेज, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यहां भारतीय शेर उनका शिकार करने ही बैठे हैं।स्ट्रेटजी बदलना क्यों जरूरी?पांच टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद अब इंग्लैंड लगातार दो टेस्ट हार चुका है। चौथा मैच 23 फरवरी से रांची में खेला जाएगा। बैजबॉल स्टाइल अपनाने के बाद इंग्लैंड के ऊपर अपनी पहली टेस्ट सीरीज हारने का खतरा मंडराने लगा है। 2012-13 के बाद से अपने घर में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारने वाली भारतीय टीम के जाल में अंग्रेज फंसते चले जा रहे हैं। इंग्लैंड को हमेशा आक्रामक होकर खेलने की रणनीति की जगह मैच की स्थिति के अनुसार खेलने की जरूरत है। इंग्लिश ड्रेसिंग रूम को समझना होगा कि बैजबॉल जितना अटैकिंग होने के बारे में है, उतना ही दबाव झेलने के बारे में भी है। बैजबॉल स्टाइल की सबसे शर्मनाक हारहैदराबाद में सीरीज का शुरुआती मैच जीतने के बाद से इंग्लैंड के लिए चीजें खराब होती गईं। मेहमान टीम के बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेले, जिससे मेजबान टीम को फायदा मिला। राजकोट में भारत ने इंग्लैंड को 434 रन से हराकर टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। भारत के 557 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम 122 रन पर ढेर हो गई। यह बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम की लीडरशिप में सबसे खराब हार थी और इसने उनकी रणनीति को उजागर किया। हमारे नए लड़कों से सीखो इंग्लैंडभारत के लिए युवा बल्लेबाज यशस्वी सीरीज में दो दोहरे शतक लगाने वाले भारत के यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल और डेब्यू कर रहे सरफराज खान ने राजकोट में परिपक्व पारियां खेलीं और अपने शॉट खेलने से पहले क्रीज पर समय बिताया। भारत ने 228.5 ओवर में कुल 875 रन बनाए। दूसरी ओर इंग्लैंड के बल्लेबाज अपना विकेट फेंकते रहे। खराब फॉर्म से जूझ रहे बल्लेबाज जो रूट तीसरे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की गेंद पर रूट के रिवर्स स्कूप से दूसरी स्लिप में कैच देकर आउट हुए, जिसके बाद इंग्लैंड की पहली पारी का पतन शुरू हुआ। जिस समय रूट ने शॉट लगाया, उस वक्त कुल मिलाकर राजकोट टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को जीत तोहफे में दे दी। जिस वक्त रूट ने वह शॉट खेला, तब रविचंद्रन अश्विन मैदान पर नहीं थे। भारत के पास एक गेंदबाज कम था। जडेजा इंजरी के बावजूद खेल रहे थे। लगातार तीसरे टेस्ट में गेंदबाजी करते हुए बुमराह थक चुके थे। कुल मिलाकर अगर इंग्लैंड अगले दो टेस्ट में प्लान नहीं बदलता है तो बैजबॉल स्टाइल के बाद से पहली सीरीज हार तय है।