डायल 108 पर कॉल करने को मोबाइल नहीं, एंबुलेंस ने मांगे 500 रुपए; तांगे से पत्नी को अस्पताल पहुंचाया

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर शिकारपुरा की रहने वाली साबिर बी की तबीयत बिगड़ने पर उसे एंबुलेंस सुविधा तक नसीब नहीं हुई. साबिर बी के पति तांगा चलाते हैं तो वह अपने तांगे में ही को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसके बाद एक बार फिर साबित हो गया है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत कितनी खस्ता है. दरअसल सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए और जन जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए जहां एक और पानी जैसा पैसा बहा रही है तो वहीं सरकारी मशीनरी और अफसरशाही इन योजनाओं को पलीता लगाने में कोई काट कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
शिकारपुरा की रहने वाली साबिर बी कि सुबह तबीयत बिगड़ी और उनके पति जो कि तांगा चला कर अपना जीवन यापन करते हैं और साबिर बी भी मेहनत मजदूरी कर पति का हाथ बटाती है इनके पास ना ही मोबाइल है और ना ही एंबुलेंस को देने के लिए पैसे तो साबिर भी के पति को अपने तांगे में उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए मजबूर होना पड़ा. यह नजारा देख आसपास के लोगों ने इसके फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जो कि अब खूब वायरल हो रहे हैं.
प्राइवेट एंबुलेंस मरीजों से वसूलती हैं मनमाने दाम
यूं तो सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं जनता को मुहैया करवाने के लिए लाखों करोड़ों खर्च कर रही है. तो वहीं 108 एंबुलेंस सेवा भी जिले में चल रही हैं, तो कई एंबुलेंस ऐसी भी हैं जो सरकारी अस्पताल में धूल खाती हुई नजर आ रही हैं. बात अगर एंबुलेंस सेवा की जाए तो सरकारी अस्पताल के प्रांगण में प्राइवेट एंबुलेंस खड़ी रहती हैं, जोकि मरीजों से मनमाना रुपया वसूल कर रही हैं. इस पर भी अस्पताल प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है या यूं कहे की प्राइवेट एंबुलेंस के संचालकों से अस्पताल प्रबंधन की सांठगांठ के चलते यह गोरखधंधा जिले में चल रहा है.
आज सुबह जब साबिर बी की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें एंबुलेंस भी नसीब नहीं हुई है. जिसका मुख्य कारण यह है कि वह बहुत गरीब परिवार से आती हैं. उनके पास प्राइवेट एंबुलेंस वालों को देने के लिए पैसे नहीं थे. बात करने पर साबिर बी ने बताया कि प्राइवेट एंबुलेंस वाले 400 से 500 रुपए मांग रहे थे जो कि हमारे पास नहीं थे और मोबाइल भी हम लोगों के पास नहीं है तो हम 108 एंबुलेंस सेवा को भी फोन नहीं लगा पाए मेरे पति मुझे जोकि तांगा चला कर अपना जीवन यापन करते हैं तांगा में पीछे रखकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे.
हम इसके लिए कुछ नहीं कर सकते- एसडीएम दीपक चौहान
वही इस पूरे मामले पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं पार्षद अजय उदासीन ने कहा कि सरकार द्वारा जो हितग्राहियों को और गरीबों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सुविधा शुरू की गई है वह व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. हितग्राहियों को और गरीब लोगों को एंबुलेंस की सुविधा मिलना चाहिए लेकिन प्राइवेट एंबुलेंस से अस्पताल प्रबंधन की सांठगांठ के चलते हितग्राहियों तक एंबुलेंस सुविधा नहीं पहुंच पा रही है कांग्रेस द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही एक आंदोलन किया जाएगा
इस पूरे मामले पर एसडीएम दीपक चौहान कहा कि ऐसी कोई व्यवस्था प्रशासन के पास नहीं है हम इसके लिए कुछ नहीं कर सकते हम केवल हस्पताल में मरीजों को भर्ती करवा सकते हैं और उनको बेहतर इलाज दिलवा सकते हैं.