पटना: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं। उन चर्चाओं पर आज एनडीए की नीतीश सरकार ने विराम लगा दिया। जेडीयू और बीजेपी के कुल 21 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। जेडीयू के कोटे से 9 और बीजेपी कोटे से 12 मंत्रियों ने शपथ ली। इन मंत्रियों की जाति को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। कहा ये जा रहा है कि बीजेपी ने भी यादव और भूमिहार जाति पर विश्वास नहीं जताया है। कमोबेश यही हाल जेडीयू का है। जेडीयू कोटे में भी भूमिहार और यादवों को जगह नहीं मिली है। बीजेपी ने जहां विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाकर भूमिहारों से किनारा कर लिया। वहीं नंद किशोर यादव को विधानसभा का अध्यक्ष बनाकर इति श्री कर ली। यादवों का पत्ता साफ सबसे खास बात ये है कि बीजेपी ने विधान परिषद के पांच सदस्यों को कैबिनेट में जगह दी है। ये अपने आप में सोचने वाली बात है। बीजेपी के सामाजिक न्याय वाले दृष्टिकोण को देखें, तो बीजेपी ने अपने कुनबे में मंत्री के रूप में किसी यादव को जगह नहीं दी है। यानी यादव का पत्ता साफ कर लिया है। यहीं नहीं बीजेपी ने अपने कोर वोटरों पर भी ध्यान नहीं दिया है। भूमिहार जाति का कोई भी विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लिया है। पूर्व में जीवेश कुमार मंत्री बने थे। इस बार उनका नाम इस लिस्ट में नहीं है। एक मात्र विजय कुमार सिन्हा का चेहरा भूमिहार नेता के तौर पर दिख रहा है। हालांकि, कहा ये भी जा रहा है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये लिस्ट तैयार की है। लेकिन इस लिस्ट से भूमिहार और यादव गायब हैं। बीजेपी का समीकरण जानिए बीजेपी के मंत्री बनने वाले नामों और उनकी जाति पर ध्यान दें, तो उसमें रेणु देवी (नोनिया) अति पिछड़ा, मंगल पांडेय (ब्राह्मण) सवर्ण, नीतीश मिश्रा (ब्राह्मण) सवर्ण, नीरज कुमार सिंह (राजपूत) सवर्ण, नितीन नवीन (कायस्थ) सवर्ण और दिलीप जायसवाल (वैश्य) पिछड़ा समाज के नाम शामिल हैं। उसके अलावा संतोष सिंह (राजपूत) सवर्ण, जनक राम (चमार) दलित, केदार प्रसाद गुप्ता (वैश्य) पिछड़ा, हरी साहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा, कृष्ण नंदन पासवान (पासवान) दलित और सुरेंद्र मेहता (कुशवाहा) पिछड़ा का नाम मंत्री बनने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। इसमें कहीं भी भूमिहार और यादव को जगह नहीं मिली है। कुल मिलाकर बिहार बीजेपी में यादवों की हिस्सेदारी के रूप में नंद किशोर यादव विधानसभा अध्यक्ष के रूप में दिख रहे हैं। वहीं भूमिहार चेहरे के रूप में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा शामिल हैं। जेडीयू में यादवों को जगह नहींबीजेपी ने विधान परिषद के पांच सदस्यों को मंत्री बनाया है। इसमें मंगल पांडेय, दिलीप जायसवाल, जनक राम, हरि सहनी, संतोष कुमार सिंह शामिल हैं। इसमें भी यादव और भूमिहार का नाम नहीं है। दूसरी ओर जेडीयू की बात करें, तो जेडीयू ने जातिगत सर्वे कराया था। उसमें कहा गया कि सबसे ज्यादा जनसंख्या यादवों की है। भूमिहार भी अच्छे खासे हैं। लेकिन पार्टी ने दोनों जातियों को कैबिनेट में जगह नहीं दी है। जेडीयू कोटे से मंत्री बने नाम को ध्यान से देखें और उनकी जाति का आकलन करें, तो उसमें भूमिहार और यादव नहीं हैं। जेडीयू से मंत्री बनने वालों में अशोक चौधरी (पासी) दलित, लेसी सिंह (राजपूत) सवर्ण, महेश्वर हजारी (पासवान) दलित, जयंत राज (कुशवाहा) पिछड़ा, सुनील कुमार (चमार) दलित, जमा खान (पठान) सवर्ण मुस्लिम, शीला मंडल (धानुक) अति पिछड़ा , रत्नेश सदा (मुसहर) दलित, मदन साहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा समाज से आते हैं। कुल मिलाकर यहां भी यादवों को जगह नहीं मिली है।