बिहार में शराबबंदी है। हालांकि, हाल फिलहाल में ऐसी कई खबरें आई जिसमें यह कहा गया कि बिहार में जहरीली शराब पीने से इतने लोगों की मौत हो गई। इसको लेकर विपक्ष जबरदस्त तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर पर रहता है तथा मुआवजे की भी मांग करता है। हालांकि, अब तक नीतीश कुमार साफ तौर पर कहते आ रहे थे यह कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इससे पहले जब सारण में जहरीली शराब पीने वालों की मौत हुई थी, तब नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा था कि अगर कोई शराब पिएगा तो वह मरेगा। कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। लेकिन अब उनके रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है। इसे भी पढ़ें: Tejashwi ने अतीक को कहा ‘जी’, भाजपा हुई हमलावर, कहा- वो गैंगवार में मारा गया, उसके लिए आंसू बहा रहेनीतीश कुमार ने आज सुबह सवेरे मोतिहारी जहरीली शराब त्रासदी पर बात करते हुए साफ तौर पर कहा कि यह एक दुखद घटना है। हम मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये प्रदान करेंगे, लेकिन उन्हें लिखित में देना होगा कि वे राज्य में शराबबंदी के पक्ष में हैं और वे शराब पीने के खिलाफ हैं। नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक अप्रैल 2016 अर्थात शराबबंदी लागू होने के बाद से राज्य में जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुयी है, उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपये दिये जायेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब जिस परिवार का कोई सदस्य इससे मरा है, उस परिवार के लोग साफ तौर पर यह बता दें कि ये उनके परिवार के सदस्य हैं, और उन्होंने कहां से शराब खरीदी थी।’’ इसे भी पढ़ें: UP में भले ही माफिया मिट्टी में मिल रहे हों, डॉन आनंद मोहन के स्वागत की तैयारी में बिहार, दलित DM की हत्या के सजायाफ्ता के लिए नीतीश सरकार ने बदल दिए नियम?भाजपा ने नीतीश के इस कदम का स्वागत किया है। साथ ही साथ एक मांग भी रख दी है। बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य फैसला है। यह बात हम पिछले एक साल से कह रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार कहते थे कि वह ऐसा नहीं करेंगे… हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और हम आज तक के सभी शोक संतप्त परिवारों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा चाहते हैं। भाजपा नेता ने साफ तौर पर कहा कि इसके लिए सीएम जिम्मेदार हैं। एक साल में हुईं 16 घटनाएं, 300 लोगों की मौत शराबबंदी है तो यहां शराब कैसे पहुंची?