बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार शाम पैदल ही टहलते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में पहुंच गए। इस दौरान वीआईपी काफिला उनके साथ नहीं था।
इससे पिछले साल इसी तरह की एक घटना की यादें ताजा हो गईं जब कुमार पैदल ही पूर्व मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव की मां राबड़ी देवी को आवंटित 10, सर्कुलर रोड बंगले पर गए थे। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सरकार बनाने की अपनी आगामी योजना का संकेत दे दिया था।
अब ‘महागठबंधन’ सरकार का नेतृत्व कर रहे कुमार मुस्कुराते हुए दावत स्थल तक पहुंचे। इस दौरान कुमार के करीबी तथा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन और कुमार के संकटमोचक कहे जाने वाले मंत्री विजय कुमार चौबे उनके साथ थे।
पठानी सूट पहने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया और फिर मेहमानों को टोपी पहनाई।
कुमार और उनके करीबी जब यादव और राबड़ी देवी के करीब कुर्सियों पर बैठे तभी अचानक चिराग पासवान के आने से उत्साह की लहर दौड़ गई, जो एक समय मुख्यमंत्री कुमार को लगातार निशाना बनाकर सुर्खियों में आए थे।
हालांकि इस दौरान पासवान ने सभी मतभेदों को किनारे रखकर अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान के पुराने साथी रहे कुमार के पैर छुए।
बाद में पासवान ने पत्रकारों से कहा, “लालू प्रसाद (राजद प्रमुख) और उनके परिवार से मेरे पारिवारिक संबंध हैं, लिहाजा मैं हर साल यहां आता हूं। नीतीश कुमार से नीतियों के आधार पर मेरे मतभेद रहे हैं, व्यक्तिगत आधार पर नहीं।”
जमुई से सांसद पासवान, कुमार पर आजीवन उनके पिता का अपमान करने का आरोप लगा चुके हैं। हालांकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर प्रशंसा करने के बावजूद राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े हुए हैं। कुछ हालिया विधानसभा चुनावों में तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए प्रचार भी किया है।
हाल में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में भाजपा के सभी 40 लोकसभा सीट जीतने की उम्मीद जतायी थी तो मीडिया के एक वर्ग में इसे एक संकेत माना जा रहा था कि भाजपा राज्य में अपने सहयोगी दलों को महत्व नहीं देगी, जहां उसका मुकाबला सात दलों के महागठबंधन से है।
शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा, “मेरी पार्टी भी सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे यह बाद में तय किया जाएगा।”
बहरहाल, तेजस्वी यादव (33) ने इस इफ्तार पार्टी के जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि वह कम उम्र के बावजूद सियासत में लंबी पारी खेलने और सभी को साथ लेकर चलने के लिये तैयार हैं।
यादव द्वारा आयोजित दावत में शामिल होने वाले अन्य लोगों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जन अधिकार पार्टी के संस्थापक पप्पू यादव शामिल थे।