पटना: बिहार में बीजेपी ने सिक्योरिटी की सियासत शुरू की है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले भी इसी तरह की सिक्योरिटी की सियासत भाजपा ने शुरू की थी। टीएमसी छोड़ बीजेपी ज्वाइन करने वाले कई नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा कवच मिला था। बंगाल में बीजेपी फिर भी सत्ता से दूर रह गई थी। अब बिहार में उसे ही दोहराया जा रहा है। जेडीयू से अलग होकर राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार ने Z कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है। इससे पहले बिहार के दो अन्य नेताओं को केंद्र सरकार ने सुरक्षा दी है। इनमें लोक जनशक्ति पार्टी- आर (LJP- R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी शामिल हैं। चिराग को Z कैटेगरी तो मुकेश सहनी को Y+ श्रेणी की सुविधा दी गई है।RLJD, VIP और LJP हैं बिहार में BJP के सहयोगीउपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी और चिराग पासवान को बीजेपी के सहयोगी के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। सहनी को छोड़ बाकी दोनों नेता लगातार बीजेपी के संपर्क में रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने की वजह भी बीजेपी से नजदीकी ही थी। दिल्ली एम्स में जब वे रूटीन चेकअप के लिए भर्ती थे तो बीजेपी के नेता उनसे मिलने गए थे। उसके बाद बिना पूछताछ किए नीतीश कुमार ने कह दिया कि वे इधर-उधर आते जाते रहते हैं। बढ़िया होगा कि उन्हें जहां जाना है, जल्दी चले जाएं। पटना लौटते ही कुशवाहा ने बवाल मचा दिया। आखिरकार उन्होंने खुद ही जेडीयू को बाय बोल दिया। उन्होंने न सिर्फ जेडीयू छोड़ा, बल्कि जेडीयू कोटे से मिला एमएलसी का पद भी त्याग दिया।चिराग को तो नीतीश JDU का दुश्मन ही मानते हैंएलजेपी नेता चिराग पासवान को तो नीतीश कुमार जेडीयू का दुश्मन ही मानते हैं। आमने-सामने की मुलाकात में भले दोनों एक दूसरे के करीब नजर आते हैं, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से नीतीश और चिराग में जमीन-जायदाद जैसी दुश्मनी है। नीतीश को औकात बताने के लिए असेंबली इलेक्शन में चिराग पासवान ने चुन-चुन कर उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए, जहां जेडीयू के कैंडिडेट थे। नतीजा यह हुआ कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को करीब तीन दर्जन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। नीतीश को इससे जितना गुस्सा चिराग पर था, उससे कम बीजेपी से वे खफा नहीं थे। उनका मानना था कि बीजेपी के उकसावे पर ही चिराग ने यह कदम उठाया था।LJP को तोड़ कर नीतीश ने चिराग से बदला लियाचिराग की इस हरकत से नीतीश इतने नाराज थे कि उन्हें चैन तभी आया, जब LJP का विभाजन हो गया। राम विलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने चिराग को छोड़ बाकी चार सांसदों को अपने पक्ष में कर लिया। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि मंत्री पद से चिराग वंचित हो गए। बाजी चाचा पारस ने मार ली। बाद में चुनाव आयोग ने पार्टी को दो भागों में बांटकर अलग-अलग सिंबल आवंटित कर दिया। लोजपा के टूटने के पीछे नीतीश का दिमाग बताया गया।मुकेश सहनी बीजेपी के सुर में सुर मिलाने लगे हैंवीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी बीजेपी के साथ आधिकारिक तौर पर तो अभी नहीं हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा की तरह ही वे बीजेपी की मुखालफत भी नहीं करते। बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बिहार आगमन को लेकर जब महागठबंधन के लोग हंगामा मचा रहे थे तो मुकेश सहनी बीजेपी की तरह बाबा के समर्थन में खड़े थे। हालांकि उसके पहले ही उन्हें केंद्र सरकार ने वीआईपी सिक्योरिटी मुहैया करा दी थी।आईबी की रिपोर्ट के मद्देनजर दी गई है केंद्रीय सुरक्षा इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर आरएलजेडी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को Z कैटेगरी की सुरक्षा केंद्र सरकार ने दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर कुशवाहा की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। कुशवाहा की सुरक्षा में सीआरपीएफ कमांडो तैनात किए जाएंगे। हालांकि यह सुरक्षा सिर्फ बिहार और दिल्ली में ही उन्हें मिल पाएगी। सुरक्षा में 33 गार्ड तैनात रहेंगे। उनके आवास पर 10 हथियारबंद स्टैटिक गार्ड, 6 पीएसओ, 12 सशस्त्र एस्कॉर्ट कमांडो, दो वॉचर्स और तीन ट्रेंड ड्राइवर रहेंगे। हाल ही में कुशवाहा ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इससे पहले कुशवाहा को केंद्र ने Y+ सुरक्षा दी थी।रिपोर्ट- ओमप्रकाश अश्क