पटना: बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी से शुरू हुआ ‘गजवा-ए-हिंद’ आतंकी मॉड्यूल का कनेक्शन देश के अन्य हिस्सों से भी है। एनआईए इसे लेकर काफी गंभीर है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने ‘गजवा-ए-हिंद’ आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को तीन राज्यों में छापेमारी की। एनआईए द्वारा जारी बयान के मुताबिक, महाराष्ट्र के नागपुर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और गुजरात के वलसाड, सूरत और बोटाड जिलों में स्थित आठ संदिग्धों के घरों की तलाशी ली गई और डिजिटल उपकरणों (मोबाइल फोन और मेमोरी कार्ड) और अन्य दस्तावेज सहित आपत्तिजनक सामग्री को जब्त किया गया।’ग़ज़वा-ए-हिंद’ मॉड्यूल यह मामला पिछले साल जुलाई में बिहार पुलिस द्वारा पटना के फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ मॉड्यूल के सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ। इस मॉड्यूल को पाकिस्तान से “संचालित और नियंत्रित” किया जा रहा था। एनआईए ने बताया कि एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा शुरू किए गए व्हाट्सएप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ के ‘एडमिन’ मरघूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने जनवरी में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी के मुताबिक, दानिश ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘गजवा-ए-हिंद’ के समूह बनाए थे।बीडीगज़वा-ए-हिंदबीडी’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुपउसने ने बताया कि दानिश ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए ‘बीडीगज़वा-ए-हिंदबीडी’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था। एजेंसी ने कहा कि मरघूब ने इन समूहों में भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन के कई लोगों को जोड़ा था। एनआईए के मुताबिक इस मॉड्यूल का उद्देश्य हिंसक तरीकों से भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था। एनआईए ने बताया कि इस समूह के सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल में बदलने के उद्देश्य से कट्टरपंथी बनाया जा रहा था।फुलवारी में हुई थी गिरफ्तारीआपको बता दें कि इस मामले में एजेंसी ने जनवरी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चार सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मामला बिहार में पीएफआई की ‘गैरकानूनी व राष्ट्रविरोधी’ गतिविधियों से जुड़ा है। एनआईए ने इस मामले में 7 जनवरी को पीएफआई के चार सदस्यों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। गिरफ्तार आरोपियों अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन खान, नूरुद्दीन जंगी उर्फ ‘एडवोकेट नूरुद्दीन’ और अरमान मलिक उर्फ ‘इम्तियाज अनवर’ के खिलाफ पटना की एक विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इन पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। मामला शुरू में पिछले साल 12 जुलाई को फुलवारीशरीफ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। 10 दिन बाद एनआईए ने फिर से मामला दर्ज किया था।क्या था पूरा मामलाएनआईए ने कहा कि जांच के दौरान परवेज, खान, जंगी और मलिक को उनकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला था कि आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के इरादे से आपराधिक साजिश रची गई थी, जिससे आतंक का माहौल बना और देश की एकता व अखंडता को खतरा पैदा हुआ। आरोपियों ने अपनी साजिश को आगे बढ़ाने के लिए अहमद पैलेस, फुलवारीशरीफ (पटना) में किराए पर मकान लिया था। हिंसक कृत्यों के लिए प्रशिक्षण देने और आपराधिक साजिश को अंजाम देने के लिए मकान के परिसर में बैठकें कीं थीं। आरोपियों ने धन एकत्र किया, सदस्यों की भर्ती की, प्रशिक्षण आयोजित किया और अपने सदस्यों को भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया था।