विकसित होते लोकतंत्र के साथ आने वाले नए मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए : प्रह्लाद जोशी

एक सितंबर एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावना तलाशने के लिए एक समिति के गठन के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि विकसित होते लोकतंत्र के साथ आने वाले नए मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।
जोशी ने कहा कि समिति एक रिपोर्ट लेकर आएगी और इस पर सार्वजनिक डोमेन और संसद में चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन में निकले अमृत की तरह इस मुद्दे पर भी मंथन में अमृत ही निकलेगा।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि विपक्षी दल इस पर चिंतित क्यों हैं।
मंत्री ने कहा कि “कमेटी तो अभी बनी है, इतना चिंतित होने की जरूरत कहां है। कमेटी की रिपोर्ट आएगी, रिपोर्ट पर पब्लिक डोमेन और संसद में चर्चा होगी। इसमें इतना चिंतित होने की क्या आवश्यकता है।’’
जोशी ने जयपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसे लोकतंत्र की जननी कहा जाता है और विकसित होते लोकतंत्र में जो नये विषय आते हैं, उन पर चर्चा होनी चाहिए। हमने यह नहीं कहा है कि कल से ही कुछ होगा।’’
उन्होंने कहा कि पहले लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे, जिससे देश में विकास का अच्छा माहौल था।
मंत्री ने कहा कि जब केंद्र में कोई सरकार बनती है तो अलग-अलग जगहों पर चुनाव होते हैं जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में दिक्कत आती है।
उन्होंने कहा, अगर कोई विचार है तो चर्चा जरूर होनी चाहिए।
राजस्थान में भाजपा के चुनाव प्रभारी जोशी परिवर्तन यात्रा की शुरूआत के लिए आज जयपुर पहुंचे। चार परिवर्तन यात्राओं में से पहली यात्रा का आगाज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को सवाई माधोपुर से करेंगे।
पार्टी कार्यालय में जोशी ने एक बार फिर एक देश एक चुनाव के बारे में बात की जिसका लक्ष्य आम और राज्य चुनाव एक साथ कराना है।
उन्होंने कहा कि जैसे समुद्र मंथन में अमृत निकला था, वैसा ही अमृत एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर मंथन में भी निकलेगा।