इस बीच चीन सरकार ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है और यह भी नहीं बता रही है कि किन-किन इलाकों में प्रकोप है। साथ ही अब तक कितने लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि चीन को इस बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि हर जब इस तरह से वायरस इतने बड़े पैमाने पर फैलता है तो उसके म्यूटेट होने की आशंका बहुत ज्यादा रहती है और इससे दुनियाभर के लोगों के लिए खतरा पैदा हो जाता है।’
जनवरी तक चल सकता है कोरोना का यह दौर
नेड प्राइस ने कहा, ‘वायरस से मरने वालों की संख्या से दुनिया के अन्य देशों में चिंता है। यह न केवल चीन के लिए अच्छा है कि वह कोरोना के खिलाफ मजबूत हो बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए भी फायदेमंद है।’ अमेरिका ने कहा है कि वह चीन में कोरोना फैलने पर करीबी नजर रखे हुए है। इस बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि अभी जनवरी के अंतिम समय तक कोरोना वायरस का यह चरम दौर चल सकता है। चीन में अगर कोरोना म्यूटेट होकर और ज्यादा घातक होता है तो यह दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बुरी खबर होगी।
चीन की पीकिंग यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा, ‘हमें निश्चित रूप से तेजी से काम करना होगा और बुखार क्लिनिक, इमरजेंसी और गंभीर इलाज के लिए संसाधन तैयार करने होंगे।’ वांग ने कहा कि अस्पतालों को अपने आईसीयू बेड की संख्या को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना का पीक अभी 22 जनवरी तक चल सकता है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के बाद केस आने कम होंगे और फरवरी महीने के अंत और मार्च की शुरुआत में जिंदगी फिर से सामान्य हो जाएगी।
इंसानों से पशुओं में हुआ संक्रमण तो परिणाम भयावह
वांग ने कहा कि इस कोरोना के चरम काल के बाद भी लोगों को सतर्कता बरतनी होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह वायरस फिर से इंसानों और पशुओं के बीच ट्रांसफर हुआ तो इसके बहुत ही भयानक परिणाम होंगे। वांग ने कहा, ‘कोविड का वर्तमान स्ट्रेन कम घातक हो सकता है लेकिन यह पशुओं में ऐसा हो जरूरी नहीं है। यह हो सकता है कि पशुओं के लिए कम घातक हो लेकिन एक बिंदू तक वायरस इंसानों को फिर से संक्रमित कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसके बहुत ही भयानक परिणाम होंगे।’