सिर्फ 42 दिन में ही दरक गया नेपाल का सत्तारूढ़ गठबंधन! चौथी सबसे बड़ी पार्टी ने छोड़ा साथ, खतरे में प्रचंड सरकार?

काठमांडू : प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष रबी लामीछाने को नेपाल के गृहमंत्री के पद पर दोबारा आसीन करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आरएसपी ने रविवार को देश के सत्तारूढ़ गठबंधन से हट जाने का फैसला कर लिया। आरएसपी के केंद्रीय सदस्यों और सांसदों की संयुक्त बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। लामीछाने (48) पिछले साल नवंबर में चुनाव में चितवन-2 निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। काठमांडू पोस्ट की खबर के अनुसार नेपाल के उच्चतम न्यायालय के 27 जनवरी के फैसले के बाद वह संसद की अपनी सदस्यता गंवा बैठे। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि संसदीय चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जो नागरिकता प्रमाणपत्र जमा किया था वह अवैध है। इस अखबार के अनुसार ऐसे में उनका मंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष पद भी चला गया क्योंकि इन पदों पर आसीन रहने के लिए व्यक्ति का नेपाली नागरिक होना जरूरी है। इस अखबार के मुताबिक 29 जनवरी को उन्होंने पुन: नागरिकता हासिल की और उसके बाद प्रचंड से मिलकर उन्होंने मांग की कि उन्हें दोबारा गृहमंत्री बनाया जाए।

लामिछाने की पार्टी के पास थीं 20 सीटें

अखबार के अनुसार, लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसा करने से मना कर दिया। लामिछाने को पिछले साल 26 दिसंबर को उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री नियुक्त किया गया था। उससे पहले उनकी पार्टी आरएसपी संघीय चुनाव में 20 सीट जीतकर संसद में चौथी सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरी थी। टेलीविजन हस्ती लामिछाने 2013 में सबसे लंबे समय के टॉकशॉ की मेजबानी कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की कोशिश की थी और तब सुर्खियों में आये थे।

प्रचंड सरकार पर क्या असर पड़ेगा?

लामिछाने ने आरएसपी की केंद्रीय समिति की संयुक्त बैठक के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अतीत में भी उन्हें कई विवादों में फंसाने की कोशिश की गई लेकिन वह उनसे बाहर आने में सदैव सफल रहे। गठबंधन सरकार से हटने के आरएसपी के फैसले का प्रधानमंत्री प्रचंड के राजनीतिक भविष्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अखबार के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि भले ही आरएसपी ने अपने मंत्रियों को वापस बुलाने का निर्णय ले लिया हो लेकिन पार्टी इस सरकार को समर्थन देती रहेगी।