इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनावों में किसी भी दल को बहुमत ना मिलने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं। इमरान खान समर्थित निर्दलीयों के बाद सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली दो पार्टियों- की पीएमएलएन और आसिफ जरदरी की पीपीपी के बीच बातचीत शुरू भी हो गई है। वोट पड़ने के वक्त तक नवाज शरीफ प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहे थे लेकिन बहुमत से दूर रह जाने के बाद अब वह पीएम नहीं बनना चाहते हैं। पीएमएलएन के करीबी सूत्रों ने ये दावा किया है कि पार्टी नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की बजाय अपने भाई शहबाज शरीफ का नाम पीएम पद के लिए बढ़ाने की सोच रहे हैं।पाकिस्तान में गुरुवार को हुए आम चुनाव के बाद शुरू हुई वोटों की गिनती रविवार सुबह तक जारी है। चुनाव में मुख्य मुकाबला इमरान खान की पाकिस्तान पीटीआई समर्थित निर्दलीयों, नवाज शरीफ की पीएमएलएन और बिलावल जरदारी भुट्टो की पीपीपी के बीच ही रहा है। इसमें पीटीआई समर्थित उम्मीदवार सबसे आगे रहे हैं। पीएमएलएन के बहुमत से दूर रहने के बाद अब वह सीनियर पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी के साथ बातचीत कर रही है। बताया जा रहा है कि पीपीपी ने बिलावल के लिए अहम मंत्रालय के अलावा जरदारी के लिए राष्ट्रपति पद की मांग की है। माना जा रहा है कि पीपीपी बिलावल के लिए फिर से विदेश मंत्री तो 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे आसिफ अली जरदारी के लिए फिर से पद चाहती है।मरियम को सीएम बनाना चाहते हैं नवाजनवाज शरीफ एक तरफ पीएम पद भाई को देना चाहते हैं तो वह बेटी मरियम नवाज को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। नवाज शरीफ और शाहबाज शरीफ दोनों पंजाब के सीएम रह चुके हैं। शाहबाज के बेटे हमजा भी पंजाब सीएम पद की रेस में माने जा रहे हैं। पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के साथ-साथ सूबों की असेंबली का भी चुनाव हुआ है। ऐसे में केंद्र के साथ-साथ सूबों की सरकार को लेकर भी रस्साकशी जारी है।पाकिस्तान में 265 सीटों पर हुए चुनाव में पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों (ज्यादातर पीटीआई द्वारा समर्थित) को 93 सीटें मिलीं हैं। पीएमएल-एन को 73, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट को 12 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को नेशनल असेंबली की 265 में से 133 सीटें जीतनी होंगी। नवाज शरीफ ने गठबंधन के लिए अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख फजलुर रहमान और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के खालिद मकबूल सिद्दीकी से संपर्क करने का काम सौंपा है।