इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर अब आखिरी प्रहार की तैयारी कर चुके हैं। पाकिस्तान में सभी टीवी चैनलों को सेना ने फोनकर करके बोल दिया है कि इमरान खान का न तो भाषण दिखाया जाएगा और न ही उनके नाम का कहीं किसी भी न्यूज में जिक्र होगा। यही नहीं पाकिस्तानी मीडिया में अब यह भी कहा जा रहा है कि आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के इशारे पर इमरान खान के खिलाफ सेना में बगावत कराने का मुकदमा दर्ज होने जा रहा है। इमरान खान के खिलाफ अगर आर्मी ऐक्ट में मुकदमा दर्ज होता है तो वह लंबे समय के लिए जेल जाएंगे। पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ के मुताबिक इमरान खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हें अरेस्ट किया जाएगा और इस बार मीडिया में इस खबर को पूरी तरह से बैन किया जाएगा। सेना को उम्मीद है कि इमरान खान को मीडिया में ब्लैक आउट करने से जनता को काबू करना आसान होगा। इमरान खान के जेल में रहने के दौरान ही सेना और शहबाज सरकार चुनाव कराएगी। इस चुनाव में इमरान खान लड़ नहीं पाएंगे और उनका राजनीतिक कैरियर फिलहाल के लिए खत्म हो जाएगा। सेना में बगावत की उम्मीद लगाए बैठे थे इमरान खान दरअसल, पीटीआई समर्थकों की हिंसा के दौरान पार्टी का एक समूह आशा कर रहा था कि सेना के अंदर इमरान के समर्थन में बगावत शुरू होगी। इससे आखिरकार जनरल असीम मुनीर को पद छोड़कर जाना होगा। द फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान भी इस परिणाम की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब जनरल मुनीर उनसे हिसाब बराबर करने में जुट गए हैं। पीटीआई के प्रमुख इमरान खान को अपने जीवन की सबसे कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है। इमरान खान अपने करीबी सहयोगियों द्वारा इस्लामाबाद में उनकी गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुई हिंसा के मद्देनजर पार्टी छोड़ने की घोषणा के बाद एक गंभीर राजनीतिक अलगाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पीटीआई से अपने प्रस्थान की घोषणा करने वाले नेताओं की सूची में पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक और नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष असद कैसर भी शामिल हैं। खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रांत में पार्टी के अध्यक्ष रहे खट्टक ने कहा, 9 मई को कुछ भी अच्छा नहीं हुआ, मैंने पहले भी इस घटना की निंदा की है, अल्लाह ऐसी घटना को दोबारा होने से रोके। देश का राजनीतिक माहौल खराब है। मैंने पार्टी का पद छोड़ने का फैसला किया है। मैं दोस्तों के साथ विचार-विमर्श के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करूंगा।’ पीटीआई के 100 से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ी अभी हाल ही में, देश में राजनीतिक संकट का समाधान खोजने के लिए प्रस्तावित बैठक में खट्टक और कैसर को पीटीआई वार्ता टीम के हिस्से के रूप में नामित किया गया था। 9 मई की अराजकता के बाद से पीटीआई के 100 से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। हालांकि, सभी पीटीआई नेताओं द्वारा उनके प्रस्थान के लिए दिए गए बयानों और तर्कों की निरंतरता ने खान के साथ उनकी असहमति के सही कारण पर कई सवाल खड़े किए हैं। पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले पहले व्यक्ति से लेकर 102वें तक, ऐसा लगता है कि सभी एक ही पंक्तियों को, एक ही क्रम में और ऐसे भावों के साथ पढ़ रहे हैं। पीटीआई के सूचना सचिव रऊफ हसन ने कहा, सभी को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।