मुस्लिम की जमीन, ईसाई का डिजाइन… यूएई हिंदू मंदिर में सभी धर्मों का रहा योगदान, सद्भाव का अनूठा संगम

अबू धाबी: पीएम नरेंद्र मोदी ने यूएई की राजधानी अबू धाबी में पहले किया। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम ने यह उद्घाटन किया। BAPS संस्था ने इस मंदिर का निर्माण कराया है। पीएम मोदी ने इस विशाल मंदिर के उद्घाटन के बाद यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया। यह मंदिर 27 एकड़ की जमीन पर बना है। इसमें से 13.5 एकड़ जमीन मंदिर के लिए है। 13.5 एकड़ का एरिया पार्किग के लिए है, जिसमें 14,000 कारें और 50 बसें आ सकती हैं।बीएपीएस के प्रवक्ता ने कहा कि हिंदू मंदिर की जमीन ‘मुस्लिम राजा’ शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दी है। उन्होंने कहा कि इस मंदिर को जो बात सबसे खास बनाती है वह है इसके निर्माण में धर्मों का सुंदर समागम। बीएपीएस के प्रवक्ता के मुताबिक ‘हिंदू मंदिर के वास्तुकार एक कैथोलिक ईसाई, प्रोजेक्ट मैनेजर एक सिख, संस्थापक डिजाइनर एक बौद्ध, निर्माण कंपनी एक पारसी समूह और निदेशक जैन परंपरा से आते हैं।’1997 में हुई मंदिर की कल्पना बीएपीएस के अनुसार 10वें आध्यात्मिक गुरु और संप्रदाय के प्रमुख, प्रमुख स्वामी महाराज ने अप्रैल 1997 में अबू धाबी की रेगिस्तानी भूमि पर मंदिर की कल्पना की थी। उनका विजन देशों, समुदायों और संस्कृतियों को एक साथ लाना था। मंदिर अरब और भारतीय संस्कृति के संगम को भी दिखाता है। मंदिर में ऊंट और बाज की भी नक्काशी हुई है। मई 2023 में 30 देशों के राजदूतों ने मंदिर की यात्रा की थी। इस दौरान जपान के राजदूत अकीओ इसोमाटा ने कहा, ‘मुझे नक्काशी में सहिष्णुता का दर्शन दिखाई देता है।’मंदिर से जुड़ी खास बातेंअब धाबी में बना मंदिर पत्थर का बना है, जिसके सात शिखर हैं। मंदिर नागर शैली से बनाया गया है, जिस पर कई अन्य संस्कृतियों की कहानियां बनी हैंमंदिर की ऊंचाई 108 फीट और लंबाई 262 फीट और चौड़ाई 180 फीट है। बाहरी हिस्से में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर के अंदर का हिस्सा इटली के संगमरमर से बना है।मंदिर में दो केंद्रीय गुंबद हैं जो सद्भाव और शांति का प्रतीक हैं। पृथ्वी, जल, अग्नि वायु और पौधों की नक्काशी इस पर बनी है।मंदिर के बाहर वॉल ऑफ हार्मनी है जो यूएई की सबसे बड़ी 3D दीवारों में से एक है।मंदिर पर इस्लाम और ईसाई समेत अन्य धर्मों की कहानियां भी दिखती हैं।