मशरूम क्रांति को मिला नया रूप, कुछ करने की जिद ने महिलाओं को किया विदेशों तक फेमस

कटिहार: मशरूम की कौन-कौन सी चीजें आपने खाई है? सब्जी, सूप के अलावा शायद आपको मशरूम चिली जैसे व्यंजन ही याद आएंगें। लेकिन क्या आपने कभी मशरूम का पापड़, आचार, मिठाइयां, आटा और इस आटे से बने व्यजंन खाए हैं? नहीं ना तो बिहार की प्रीति के मशरूम प्रोडक्ट ऑर्डर कीजिए। आपकी ज़ुबान पर ज़ायक़ा तो चढ़ेगा ही साथ ही दिमाग़ की बत्ती भी जल जाएगी। जिस मशरूम के फ़ायदे सिर्फ अभी चंद व्यंजनों तक ही सीमित थे उससे इतनी सारी चीजें बन सकती है यक़ीन नहीं करेंगे। मगर कटिहार की कुमारी प्रीति अपनी महिला साथियों के साथ मशरूम क्रांति से आर्थिक तौर से मज़बूत हो रही हैं। घरेलू बाजार मिलने में परेशानी की वजह से निर्यात की तैयारी बिहार के सुदूर इलाके में बड़ी संख्या में लोग मशरूम की खेती से जुड़े हैं, लेकिन घरेलू बाजार नहीं मिल पाने की वजह से अब विदेशों में निर्यात की योजनाएं बनाई गई। कटिहार में शरीफगंज मोहल्ले की महिलाओं ने एक दर्जन से अधिक मशरूम बेस प्रोडक्ट बनाकर मशरूम क्रांति को एक नया स्वरूप दिया है। कुमारी प्रीति के साथ मिलकर कई महिलाएं मशरूम से आटा, पापड़, आचार,मिठाई, नमकीन और मशरूम झालमुड़ी जैसे एक दर्जन से अधिक प्रोडक्ट बना रही हैं। बड़ी बात ये है कि इन उत्पादों के बाजार के लिए घरेलू महिलाओं को भटकने की जरूरत नहीं पड़ती। कैसे की मशरूम के प्रोडक्ट्स की शुरुआत मशरूम से कई तरह के प्रोडक्ट बनाने वाली कुमारी प्रीति का कहना है कि महिलाओं की परेशानियों को समझ कर उन्होंने सबसे पहले पाउडर बनाने का निर्णय लिया। फिर मशरूम के पाउडर से कई प्रोडक्ट बनाने की तैयारी शुरू की। उन्होंने कहा कि अभी महिलाएं मशरुम से झाल मुरी, अचार, बरी, बेसन, आटा और सत्तू तरह-तरह के मिठाई पकवान बना रही हैं। ये सभी उत्पाद महिलाएं मशरूम के पाउडर से तैयार कर रही हैं। उन्होंने कि इस काम में अभी उनके साथ करीब 450 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। मशरूम की खेती कर कई महिलाएं बनींआत्मनिर्भरकुमारी प्रीति के साथ काम कर रही संगीता देवी बताती है कि मशरूम से कई नए प्रोडक्ट बनाने का काम सीखने अब उनकी आमदनी बढ़ी है। संगीता की तरह ही कई अन्य महिलाएं लगातार आगे बढ़ रही हैं। सभी महिलाओं की आमदनी में अब बढ़ोतरी हुई है। हैदराबाद और गुजरात तक जाते हैं मशरूम प्रोडक्ट्स कुमारी प्रीति की ओर से बनाए जा रहे मशरूम के प्रोडक्ट हैदराबाद और गुजरात तक जाते हैं। मशरूम उत्पादन में लगी महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र से बीज उपलब्ध कराया जाता है। बाद में सभी महिलाएं उत्पादन कर सेवा भारत को प्रोडक्ट भेजती हैं। बाद में उसे पटना, मुंगेर, हैदराबाद और गुजरात समेत अन्य शहरों में भेजा जाता है। प्रीति कुछ दिनों में मशरूम से उत्पादन को लेकर ट्रेनिंग के लिए दिल्ली जा रही हैं। जल्द ही प्रीति मशरूम से तैयार अपने उत्पादों का विदेशों में भी निर्यात कर पाएंगी।