वैलेंटाइन डे पर पत्नी की हत्या की,15 साल तक पहचान बदल जिया और फिर…

दोनों की नई-नई शादी हुई थी, बेहद खूबसूरत जोड़ी थी दोनों की। हर कोई दोनों की जोड़ी को देखकर बलाएं लेता था, लेकिन ये कोई नहीं जानता था कि ये तो बस 3 महीने की कहानी। हनीमून पीरियड अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि लड़की का कत्ल हो गया। सामने पत्नी की लाश पड़ी थी, पति का रो रोकर बुरा हाल था। इतना बुरा हाल की उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे सदमे की वजह से अस्पताल जाना पड़ा, लेकिन फिर वो कभी लौटकर नहीं आया। 20 साल पहले वैलेंटाइन डे के दिन एक मर्डर और फिर…ये कहानी है 20 साल पुरानी। साल 2003 में केरल की रहने वाली सजनी नायर की शादी तरुण जिनाराज से हुई। अभी शादी को तीन महीने ही बीते थे कि सजनी का कत्ल हो गया। ये केस काफी चर्चा में आया, वजह थी पति का पहले पत्नी की मौत के गम का नाटक करना और फिर पुलिस की आंख में धूल झोंककर फरार हो जाना। तरुण ने सजनी की मौत पर खूब घड़ियाली आंसू बहाए। एनजाइटी अटैक का नाटक भी किया, लेकिन ये उसका एक तरीका था फरार होने का। सजनी की मौत दूसरे दिन ही तरुण फरार हो गया। पत्नी का कत्ल और फिर 15 साल तक ऐशों आरामअब ये साफ था कि कत्ल तरुण ने किया है। गला घोंटकर सजनी की जान ली गई थी, लेकिन कातिल को पकड़े तो पकड़े कैसे। कई दिनों तक पुलिस सजनी के पति को तलाशती रही, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। वो गायब हो चुका था। धीरे-धीरे उसकी तलाश बंद हो गई। वही दूसरी तरफ तरुण ने अपनी नई जिंदगी शुरू कर ली थी। वो बैंगलोर शिफ्ट हो चुका था। कातिल ने बैंगलोर में बसा ली थी अपनी नई दुनियाबैंगलोर में तरुण जिनाराज ने दूसरी शादी कर ली, उसके दो बच्चे भी हो गए। पत्नी के कत्ल के बावजूद वो पूरे ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहा था। वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ विदेश भी गया। उसने अपना नाम विजय रख लिया था। वो एक कंपनी में सीनियर मैनेजर की पोस्ट पर बड़े ही आराम से काम भी कर रहा था। वो मान चुका था कि अब पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी, लेकिन सजनी के परिवार वाले अपनी बेटी की मौत को सालों बाद भी नहीं भुला पाए थे। 15 साल बाद मां के फोन की वजह से हुई गिरफ्तारी साल 2018 में पुलिस को जिनाराज के बारे में कुछ जानकारी मिली। दरअसल पुलिस लगातार तरुण जिनाराज की मां के फोन ट्रैक कर रही थी और उनके फोन पर प्रवीन नाम के एक शख्स का लगातार फोन आ रहा था। बस इसी बात से पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने जाल बिछाया और फिर उस कॉल की वजह से 15 साल बाद सजनी का कातिल गिरफ्तार हुआ। कोर्ट ने तरुण को सजा सुनाई और उसे साबरमती जेल में बंद किया गया। सजनी के परिवार ने भी राहत की सांस ली कि आखिरकार 15 साल बाद ही सही उन्हें न्याय मिला, लेकिन यहां कहानी खत्म नहीं हुई। जमानत पर बाहर आया, लेकिन फिर हुआ फरार तरुण जिनाराज बेहद शातिर था। वो लगातार जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी डाल रहा था। अलग-अलग बहाने से वो कोर्ट में बेल के लिए अप्लाई करता था। आखिरकार इस साल अगस्त में जिनाराज बेल पाने में कामयाब हो गया। वो 4 अगस्त के दिन जेल से बेल पर बाहर तो आया, लेकिन फिर वापस जेल नहीं गया। ये शातिर अपराधी एक बार फिर फरार हो चुका था, इसे लगा कि ये पुलिस को इस बार भी धोखा दे देगा। 2 महीने तक ये पुलिस से बचता रहा। कल अहमदाबाद ब्रांच को तरुण जिनाराज के दिल्ली में होने की खबर मिली और फिर उसे धर दबोचा गया। एक बार फिर मां के फोन ने जेल तक पहुंचायाइस बार भी तरुण की गिरफ्तारी उसके मां को किए फोन की वजह से ही हुई। दरअसल सजनी के कत्ल के बाद वो पुराने किसी भी शख्स से टच में नहीं था। उसने अपनी एक अलग दुनिया बना ली थी, लेकिन अपनी मां के साथ वो हमेशा बात करता रहा। इस बार भी ऐसा ही हुआ। करीब दस दिन पहले वो अपनी मां से मिलने बैंगलोर भी गया था। पुलिस को इस बात की जानकारी मिल चुकी थी, लेकिन उस वक्त तो बच गया, लेकिन दिल्ली से उसे पकड़ लिया गया।