मल्टी एलोकेशन फंड ने दिया शानदार रिटर्न, 21 वर्षों में 21% की दर से फायदा

मुंबई: इस सप्ताह शेयर बाजार में अच्छी शुरुआत हुई। पिछले सप्ताह के अंतिम दो दिनों में बाजार बढ़ कर हुआ था। उससे पहले बाजार में गिरावट दिखी थी। बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच लोगों का म्चूचुअल फंड पर लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। आखिर ऐसा क्यों नहीं हो, का ने निवेशकों को बेहतर जो रिटर्न दिया है। इसने पिछले 21 सालों में 21 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न दिया है।21 साल से 21 फीसदी का रिटर्नवैल्यू रिसर्च (Value Research) के आंकड़े बताते हैं कि मल्टी एलोकेशन फंड ने पिछले 21 वर्षों में सालाना आधार पर 21 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है। उदाहरण के तौर पर सबसे बड़े मल्टी एसेट एलोकेशन फंडों में से एक मल्टी-एसेट फंड ने 21 साल पूरे किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2023 तक इस स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 24,060.99 करोड़ रुपये था और मल्टी एसेट एलोकेशन कैटेगरी में इस राशि का लगभग 57% हिस्सा है। इस स्कीम की स्थापना के समय अर्थात 31 अक्टूबर, 2002 को 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश 30 सितंबर, 2023 तक 21 फीसदी सीएजीआर की दर से लगभग 5.49 करोड़ रुपये हो गया है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मल्टी एलोकेशन फंड की इस स्कीम के समान बेंचमार्क में निवेश जैसे कि निफ्टी 200 टीआरआई में 10 लाख रुपये का निवेश लगभग 2.57 करोड़ रुपये हुआ है, जिसका चक्रवृद्धि ब्याज (CAGR) की दर से सालाना 16 फीसदी का रिटर्न मिला है। आईप्रू सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के प्रदर्शन की बात करें तो 21 साल पहले 10 हजार रुपये के एसआईपी के आधार पर 25.2 लाख रुपये का निवेश निवेशक ने किया तो यह रकम 30 सितंबर तक बढ़कर 2.1 करोड़ रुपये हो गई है। यानी सालाना 17.5 फीसदी की दर से रिटर्न मिला है। स्कीम के बेंचमार्क में इतने ही निवेश से 13.7 फीसदी की दर से रिटर्न मिला है। कैसे होता है ऐसाइस म्यूचुअल फंड हाउस में एक टीम यह निर्धारित करती है कि पैसे का निवेश कैसे किया जाए। इक्विटी, डेट और कमोडिटी एसेट क्लास के फंड मैनेजर टीम बनाते हैं और वे एक साथ निवेश पर फैसला लेते हैं। इससे स्कीम से फंड मैनेजरों की एसेट क्लास निर्धारित करने की योग्यता और उनकी विशेषज्ञता से निवेशकों का लाभ होता है। पिछले दशक और उसके बाद के कई एसेट क्लास के प्रदर्शन से पता चलता है कि शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संपत्तियां हर दूसरे वर्ष बदलती रहती हैं। इस परिदृश्य में किसी के निवेश को एसेट क्लासों में बांटना लाभ कमाने का एक तरीका है, ताकि पूरा पोर्टफोलियो हर एसेट क्लास द्वारा प्रदान किए जाने वाले संभावित लाभों का फायदा उठा सके। डायवर्सिफिकेशन का मिलता है लाभआईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ निमेश शाह बताते हैं कि इस तरह की रणनीति ने बाजार चक्र में बेहतर जोखिम समायोजित निवेश का अनुभव प्रदान करने में मदद की है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न एसेट क्लासों में पोर्टफोलियो में विविधता लाने से पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने में भी मदद मिलती है। दरअसल, म्यूचुअल फंड की मल्टी एसेट एलोकेशन में निवेशकों का आकर्षण तेजी से बढ़ा है। यह एक ऐसी स्कीम है जिसने लगातार बाजार के हर चक्र और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश कर निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है। वे कहते हैं कि मल्टी एसेट एलोकेशन फंड की पैसे कमाने की शानदार सफलता इस बात का प्रमाण है कि विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में विवेकपूर्ण निवेश ने लंबी अवधि में निवेशकों के लिए अच्छा काम किया है।