मुजफ्फरपुर : ‘मुखड़ा चाँद का टुकड़ा.. मेरे नैन शराब के प्याले’, । जी हां, कुछ ऐसा ही कहा जाता है महिला ब्लैकमेलरों की ओर से। उनका मुखड़ा चांद का टुकड़ा है। नैन शराब के प्याले हैं। बस आप एक क्लिक कीजिए और आनंद की दुनिया में डूब जाइए। इसी चांद के मुखड़े को किसी ऐप और सोशल मीडिया के फ्रंट पेज पर डालकर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता है। सोशल मीडिया साइट्स पर इन दिनों अकेलापन मिटाने वाले ऐप की भरमार हो गई है। मोबाइल के स्क्रीन पर देर रात तक थिरकती उंगलियां अचानक किसी मदहोश चेहरे को देखकर थम जाती हैं। कम कपड़ों में ग्लैमरस मुस्कान वाली तस्वीर दिल थामने को मजबूर कर देती है। जैसे ही आप उन तस्वीरों को टच करते हैं। आपके फेसबुक के मैसेंजर बॉक्स और वॉट्स्ऐप में मैसेज आने लगते हैं। क्या आप मेरे साथ रात बिताना चाहते हैं? क्या आप अकेले हैं? क्या आपको किसी का साथ चाहिए? क्या आप मुझसे प्यार भरी बातें करना चाहते हैं? जैसे ही आपका जवाब ‘हां’ हुआ, उधर से वीडियो कॉल आ जाता है। उसके बाद मदहोश आवाज में बातचीत शुरू होती है। शरीर से कुछ कपड़े भी उतरते हैं। सामने वाला भी उत्तेजित होता है। उस दौरान पूरा वीडियो कॉल रिकॉर्ड मोड में होता है। जिसे ब्लैकमेलर बाद में ब्लैकमेलिंग के लिए यूज करते हैं। साइबर क्राइम की भाषा में इसे सेक्सटॉर्शन कहा जा रहा है। कुछ इसी तरह की साजिश का शिकार हुए हैं बिहार के एक सरकारी अधिकारी। जी हां, ये हैं मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार मिश्र जिन्हें पहले सेक्सटॉर्शन गैंग ने अपने जाल में फंसाया फिर ब्लैकमेल किया। अब राजेश कुमार मिश्र अचानक गायब हो गये हैं। रहस्यमय तरीके से उनके गायब होने की कहानी जानने से पहले आपको बताते हैं कि उनके साथ हुआ क्या था। ब्लैकमेलिंग में फंसे मधुबनी डीपीओराजेश कुमार मिश्र के गायब होने की सूचना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने मधुबनी के शिक्षा विभाग के अलावा उनसे जुड़े लोगों से पूछताछ की। राजेश कुमार मिश्र से जुड़े कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि काफी दिनों से राजेश उदास रह रहे थे। उनके चेहरे पर तनाव दिख रहा था। उन्होंने अपने जानने वालों को ब्लैकमेलिंग की बात बताई थी। शिक्षा विभाग के उनके सहयोगियों ने बताया कि राजेश कुमार मिश्र न्यूड वीडियो ब्लैकमेलिंग गैंग के चक्कर में फंस गये थे। उनका न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर लिया गया था। उसके बाद उसे वायरल करने की धमकी देकर उनसे पैसे लिये जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक राजेश कुमार मिश्र ने दो बार 11 हजार और 21 हजार रुपये की रकम ब्लैकमेलरों को दे दी थी। इतना ही नहीं अब उनसे पचास हजार रुपये की डिमांड की जा रही थी। मिश्र को कॉल करके कुछ लोग अधिकारी बनकर धमका रहे थे। उन्हें उठा लेने की धमकी भी दी जा रही थी। पुलिस कर रही मामले की जांचराजेश कुमार मिश्र का परिवार इस बात से अनजान था कि वो किसी ब्लैकमेलिंग के शिकार हो रहे थे। जब मिश्र की पत्नी ने पुलिस को आवेदन दिया। उसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने मिश्र के मोबाइल कॉल का डिटेल खंगालना शुरू कर दिया है। परिजनों के मुताबिक मिश्र शनिवार की शाम ठीक हालत में अपने घर मधुबनी पहुंचे थे। उसके बाद रविवार को अपने घर से पैदल निकले। परिजनों को ये आशंका हुई कि रोजाना की तरह वे टहलने के लिए निकले हैं। पुलिस की ओर से की जा रही जांच में ये बात सामने आई है कि उनके टावर का लोकेशन घर के आस-पास ही बता रहा है। उनका मोबाइल घर से निकलते ही स्वीच ऑफ हो गया था। उनका दूसरा मोबाइल घर से कुछ दूर बीबीगंज इलाके में एक दुकान के पास बंद हुआ। पुलिस लोकेशन के आधार पर इलाके के सभी सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है। सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी में एक जगह उनके हाइट का एक व्यक्ति दिखा है। उसके बाद पता नहीं चल पा रहा है कि वे कहां गायब हो गये हैं? सीसीटीवी में वो अपने घर से निकलकर दरवाजे से बाहर जाते दिख रहे हैं। मीडिया को मामले की जानकारी देते हुए नगर डीएसपी राघव दयाल की ओर से कहा गया है कि पुलिस एफआईआर दर्ज होने के बाद पूरे मामले की जांच कर रही है। मधुबनी से उनके विभाग के कुछ कर्मचारी आए थे, उन्होंने बताया कि मिश्र ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहे थे। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच करने में जुटी है। मिश्र का पता लगाया जा रहा है। बिहार में बढ़ रहा सेक्सटॉर्शन का अपराध-बिहार में साइबर क्राइम के 32 हजार 553 मामले दर्ज हैं।-इनमें लगभग 60 फीसदी से ज्यादा मामले सेक्सटॉर्शन के हैं।-सबसे ज्यादा मामले राजधानी पटना में दर्ज किये गये हैं। – मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा और वैशाली में भी मामले दर्ज हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय अपराधीसाइबर अपराधी फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्स्ऐप पर सक्रिय हैं। इन्होंने कई तरह के सस्ते ऐप भी बना लिये हैं। जिस पर आपके अकेलेपन को दूर करने के साथ आपसे मस्ती भरी बातें करने का दावा करते हैं। जानकार मानते हैं कि फेसबुक और अन्य माध्यमों पर इन्होंने अपना जाल फैला रखा है। देर रात और खाली समय में मोबाइल पर लोग कई चीजें सर्च करते हैं। इस दौरान यदि कोई ऐप डाउनलोड कर लेता है या फिर उनसे बातचीत करने की कोशिश करता है, तो ये लोग उसे उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं। साइबर अपराधी मैट्रिमोनियल साइट पर भी फर्जी एकाउंट बनाकर लोगों को टारगेट करते हैं। उसके बाद भावनाओं के प्रवाह में बहते हुए लोग उनके चंगुल में फंस जाते हैं। कई बात मैट्रिमोनियल साइट के बहाने लड़कियों से पैसे ठगने की बात सामने आती है। मैट्रिमोनियल साइट के माध्यम से संपर्क कर वीडियो कॉल भी किया जाता है और उसमें लोगों को फंसाया जाता है। सेक्सटॉर्शन से बचने के उपाय-कोई भी न्यूड वीडियो दिखाने वाला एप डाउनलोड न करें।-मोबाइल में हमेशा गूगल सर्टिफायड एप ही डाउनलोड ना करें।-बात-बात पर अपना मोबाइल नंबर हर जगह शेयर ना करें।-मोबाइल नंबर आज कल बिकते हैं, कंपनियां डाटा खरीदती हैं।-अपने मोबाइल नंबर पर हमेशा डीएनडी एक्टिवेट करके रखें।-यदि कॉल अनजान है, कभी भी वीडियो कॉल को रिसीव नहीं करें।-अजनबी लोगों से बातचीत करते वक्त और चैट में सावधानी बरतें।-सेक्सटॉर्शन का शिकार हो जाने के बाद किसे के धमकाने से नहीं डरें।-इसकी पूरी शिकायत स्थानीय थाना और साइबर सेल में करें। क्या कहते हैं साइबर विशेषज्ञबिहार के साइबर सेल से जुड़े जानकारों का मानना है कि ज्यादात्तर मामले बिहार की राजधानी पटना और पटना से सटे दानापुर से सामने आये हैं। दानापुर में हाल में एक व्यापारी को इसका शिकार बनाया गया था। जिसने इसकी शिकायत तुरंत थाने में की थी। शिकार बनने वाले ज्यादातर लोगों के पास पहले फेसबुक से फ्रेंड रिक्वेस्ट आता है। कई बार वॉट्स्ऐप पर मैसेज आता है। उधर से एक फेक नाम से ब्लैकमेलर ‘हाय’ करते हैं। फिर बातचीत और चैट शुरू हो जाती है। कई बार ब्लैकमेलर जानकारी मांगते हैं। यदि कोई वीडियो चैट के लिए तैयार हो जाता है, तो स्क्रीन पर न्यूड वीडियो चलना शुरू हो जाता है। सामने वाले के उत्तेजित होने या कोई अवांछित हरकत करने के बाद उसकी रिकॉर्डिंग शुरू हो जाती है। इस पूरे वीडियो चैट को ब्लैकमेलर रिकॉर्ड कर उसका क्लिप, जाल में फंस चुके व्यक्ति के पास भेजते हैं। उसके तुरंत बाद खुद को दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों की पुलिस बताकर ब्लैकमेलर फोन करते हैं। फोन रिसीव करने के बाद ब्लैकमेलरों की ओर से धमकी दी जाती है कि आपकी शिकायत थाने में आई है। उधर से कहा जाता है कि आप कुछ पैसे देकर इसे मैनेज कीजिए वरना आपकी गिरफ्तारी होगी। सावधान रहें और सतर्क भीजानकारों का मानना है कि ऐसी गिरफ्तारी की धमकी पर बिल्कुल ध्यान नहीं दें। सीधे थाने आकर शिकायत करें। वरना आप पैसे के साथ मानसिक टॉर्चर के शिकार हो जाएंगे। ब्लैकमेलरों के धमकाने की वजह से कई लोग लाखों रुपये देते हैं। ब्लैकमेलर उसका फायदा उठाकर बार-बार उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। डीपीओ राजेश मिश्र भी कुछ इसी तरह की घटना के शिकार हुए हैं। राजेश मिश्र के गायब होने के बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बिहार में इस तरह की कई घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें बुजुर्ग और नौजवानों को फंसाया जा रहा है। फिलहाल, आप ऐसे मामलों से सावधान रहें और तुरंत इसकी सूचना साइबर सेल के साथ शेयर करें।