MP का भविष्य राम भरोसे! 16000 से ज्यादा स्कूलों में 1 ही टीचर, एग्जाम सिर पर

टीकमगढ़: देश नौनिहालों के भविष्य पर चिंताओं के बादल मंडराने लगे हैं. क्योंकि देश भर में स्कूलों में अगर सबसे ज्यादा बुरा हाल है तो वह है मध्य प्रदेश. जहां 16000 से ज्यादा स्कूलों में एक ही शिक्षक है. इन हालातों में देश का भविष्य कहे जाने बाले बच्चे कैसे आखिर शिक्षित होंगे. सरकारों ने गांव-गांव स्कूल तो खोलें. लेकिन वहां शिक्षक भेजना भूल गई. हद तो इस बात की मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव है , और हर नेता ग्रामीण इलाकों का रुख कर रहा है. लेकिन हर किसी जुबान से शिक्षा का मुद्दा गायब है .सत्ता धारियों से जब सवाल किया जाए तो प्रयास करने की बात कह कर मुंह फेर कर चले जाते. कहीं न कहीं जबाब देने की हिम्मत भी नही जुटा पाते.
दरअसल, इन्हीं हालातों का जायजा लेने ग्रामीण इलाको में Tv9 भारतवर्ष की टीम पहुंची तो हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. जहां कई स्कूल ऐसे है कि 1 ही टीचर है. तो कही 1 ही टीचर 2 स्कूल चला रहा है. वह भी सरकारी काम की वजह से स्कूल से लापता रहते है. आखिर ऐसे हालातों में कैसे पड़ेगा इंडिया और कैसे बढेगा इंडिया. जहां सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अब चिंतित हैं. ऐसे में पूरा साल निकलने के बावजूद भी अभी भी उनका 30 फीसदी भी कोर्स पूरा नहीं हुआ है और परीक्षा का समय नजदीक आ गया है. आखिर क्या होगा उनका भविष्य इसकी चिंता उन्है लगातार सता रही है.
क्या है मामला?
ऐसे में जब Tv9 भारतवर्ष की टीम टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ ब्लॉक के लोहर्रा हाई स्कूल पहुंची. जहां कक्षा 6 से लेकर 10 तक के छात्र स्कूल पढ़ने आते है. इस स्कूल में सब कुछ है सरकार ने सुंदर भवन का निर्माण भी किया है, जिसमें पंखे, फर्नीचर, पीने के लिए नल की टोंटी और यहां तक कि शौचालय तक की व्यवस्था की है. लेकिन इन सब का फायदा क्या जब स्कूल में शिक्षक ही न हो. इस स्कूल में 5 कक्षा है और 5 से ज्यादा सब्जेक्ट की शिक्षा दी जाती है. जिसमें 199 बच्चे दर्ज है. जिनके ऊपर सरकार ने यहां 1 टीचर को नियुक्त किया है. वो भी प्रयोग शाला में उनकी नियुक्ति की गई. जहां पर वे हर दिन 199 बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास करते हैं.
इस दौरान टीचर का कहना है कि उनके अलावा भी यहां एक टीचर की ड्यूटी लगाई गई है. लेकिन उनके ऊपर पहले से ही एक और स्कूल है. सिर्फ अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल चला रहे हैं. ऐसे में हम हर दिन प्रयास करते हैं बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की लेकिन चाह कर भी हम वह शिक्षा उन्हें उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. जिसकी उन्हें जरूरत है. ऐसे में हम अपने आप को असहाय महसूस करते हैं.
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कोर्स नहीं हुआ पूरा एक्जाम सिर पर.. सता रही चिंता
इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि उनके स्कूल में उन्हें ठीक तरह से शिक्षा नहीं मिल रही है. क्योंकि उनके स्कूल में शिक्षा देने के लिए शिक्षक ही नहीं है. यहां पूरा साल निकल गया है. जहां गणित अभी 4 पार्ट तक ही पढ़ाई गई है. बाकी सबका भी यही हाल है. जसपाल यादव कक्षा 8 में पढ़ते हैं बताते है कि अभी तक उन्होंने सिर्फ किताब पढ़ना ही सीखा हैं.
ट्रांसफर के चलते आई परेशानी- ब्लॉक शिक्षा अधिकारी
इस मामले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एम.के. अहिरवार ने बताया कि कई शिक्षकों का ट्रांसफर हो चुका है. जिस वजह से कई जगह शिक्षक की कमी और कई स्कूल शिक्षक विहीन है. वहां पर गेस्ट फैकेलिटी नियुक्त किए गए है. उनके द्वारा बच्चों को शिक्षा देने का काम किया जा रहा है. यह बात भी सही की नियमित टीचरों की कमी से शिक्षा के काम प्राभावित तो होता ही है. लेकिन हम गेस्ट फैकेलिटी को नियुक्त करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और टीकमगढ़ जिले प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि शिक्षा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है.
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