MP: प्रजनन नहीं कर पा रही ‘सोनम’, व्हाइट टाइगर की आबादी बढ़ाने दिल्ली से आएगी युवा बाघिन

मध्य प्रदेश के मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू में रह रही पूंछ कटिंग बाघिन कई महीने से प्रजनन नहीं कर पा रही है. अब उसे दिल्ली भेज दिया जाएगा. वहीं दिल्ली से एक नई बाघिन को इस जू में लाया जाएगा. यह बाघिन अभी आठ महीने की है, लेकिन उसे एक साल का होने के बाद यहां लाया जा सकेगा. इस संबंध में जू प्रबंधन ने जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है.
जू प्रबंधन ने बताया कि मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू में बाघों की ब्रीडिंग कराई जा रही है. लेकिन यहां पूंछ कटी बाघिन सोनम करीब छह महीने से प्रजनन ही नहीं कर पा रही है. ऐसे में इसे अब दिल्ली जू पहुंचा दिया जाएगा. प्रबंधन के मुताबिक वहां से एक साल की बाघिन को इस जू में लाने की तैयारी चल रही है. इस युवा बाघिन के बाद ब्रीडिंग का काम गति पकड़ सकेगा.
सफारी के साथ अब ब्रीडिंग केंद्र बनेगा मुकुंदपुर
जू प्रबंधन के मुताबिक मध्य प्रदेश में मुकुंदपुर ऐसा पहला केंद्र बनने वाला है, जहां रेस्क्यू सेंटर, जू और सफारी तो होगा ही, सफेद बाघों की ब्रीडिंग भी कराई जा सकेगी. फिलहाल यहां व्हाइट टाइगर में दो फीमेल और एक मेल है. इनमें फिमेल टाइगर में सोनम शामिल है. इसी प्रकार यहां एक जोड़ा बब्बर शेर और यलो टाइगर भी हैं. पूर्व मंत्री व विधायक राजेंद्र शुक्ला के मुताबिक सफेद शेर हमारी पहचान हैं. इसलिए इन बाघों की यहां ब्रीडिंग कराकर उनकी आबादी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
हर साल लाखों की संख्या में आते हैं पर्यटक
सतना के डीएफओ विपिन पटेल ने बताया कि मुकुंदपुर सेंचुरी में जू और सफारी का आनंद लेने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचे थे. कोरोना काल में पर्यटकों की संख्या थोड़ी कम हुई थी, लेकिन पिछले साल यहां 2.7 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे. वहीं इस साल पर्यटकों की संख्या 3.5 लाख से अधिक होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि 2016-17 में मुकुंदपुर सफारी बनने के बाद से लेकर अब तक केवल पर्यटकों से 7.91 करोड़ रुपये से अधिक की आय हो चुकी है. यहां कुल 23 प्रजाति के 159 वन्यजीव हैं. डीएफओ के मुताबिक फिलहाल दिल्ली जू और ग्वालियर जू में प्रजनन काम हो रहा है. इस समय दिल्ली जू में तीन शावक सर्वाइव भी कर रहे हैं. यह शावक अभी आठ महीने के हैं, इन्हें तीन से चार माह बाद शिफ्ट किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इन्हीं में से एक मादा शावक को मुकुंदपुर लाने की तैयारी है.