किसको साधने के लिए राजस्थान कांग्रेस के विवाद में हाथ सेंक रहे एमपी के गृह मंत्री, सचिन पायलट या गुर्जर समाज?

भोपालः मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने नया सियासी तीर चला है। वे राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद में कूद गए हैं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि पायलट गद्दार नहीं हो सकते। कांग्रेस आलाकमान को यह तय करना है कि गहलोत गद्दार हैं या पायलट। मिश्रा का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पायलट सीएम पद के लिए पहले एक बार विद्रोह का रास्ता अख्तियार कर चुके हैं। दूसरा बड़ा कारण यह भी है मध्य प्रदेश में गुर्जरों की अच्छी खासी आबादी है। अब सवाल यह है कि मिश्रा ने यह बयान पायलट को साधने के लिए दिया है या गुर्जरों को।

गहलोत ने शुरू किया विवाद
पायलट को गद्दार कहने को लेकर ताजा विवाद दो दिन पहले शुरू हुआ। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए पायलट के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था। पायलट ने यह बी कहा था कि पायलट इसीलिए मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। नरोत्तम मिश्रा ने इसी को लेकर शनिवार को भोपाल में बयान दिया है। महत्वपूर्ण यह भी है कि शनिवार को सचिन पायलट मध्य प्रदेश आए थे। वे भारत जोड़ो यात्रा में कई किलोमीटर तक राहुल गांधी के साथ चले थे।

गद्दार कहने पर ऐतराज
मिश्रा ने कहा कि सचिन पायलट राजस्थान का बड़ा चेहरा हैं। सचिन के पिता राजेश पायलट पूरे जीवन कांग्रेस को समर्पित रहे। उन्हें ऐसे सार्वजनिक गद्दार कहना ठीक नहीं है। यह सबने देखा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में किसने बगावत की और कौन गद्दार है। यह तो राहुल गांधी ही तय करेंगे कि सोनियाजी को आंख दिखाने वाला गद्दार है या गहलोत को चुनौती देने वाला।

दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण मिश्रा का बयान
मिश्रा का यह बयान राजस्थान ही नहीं, एमपी की राजनीति के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। संभव है कि इस विवाद के जरिये बीजेपी एक बार फिर से पायलट पर डोरे डालने की कोशिश कर रही हो। गहलोत के इस बयान के बाद से पायलट-समर्थक आक्रोशित हैं। मिश्रा का यह बयान उनके आक्रोश को हवा देने की कोशिश हो सकती है।

निशाने पर गुर्जर वोट बैंक
मिश्रा के बयान के निशाने पर एमपी और राजस्थान का गुर्जर वोट बैंक भी हो सकता है। दोनों ही राज्यों में गुर्जरों की खासी आबादी है। दोनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। मिश्रा का बयान गुर्जर समुदाय के लिए एक मैसेज हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी उनके हितों का ध्यान नहीं रखती।