मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक दुष्कर्म पीड़िता की स्कूल फीस का कथित तौर पर भुगतान न करने के संबंध में एक याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने पर राज्य के मुख्य सचिव और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रत्येक पर 25,000-25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने इस माह की शुरुआत में एक खबर पर स्वत: संज्ञान लिया। इस खबर में दावा किया गया था कि सरकार ने नाबालिग पीड़िता और उसकी बहन की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने के बावजूद उनकी स्कूल फीस का भुगतान करना बंद कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश आर मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को कहा,‘‘ पहले के आदेश और समय देने के बावजूद राज्य केने अधिवक्ता ने एक बार फिर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।’’
अदालत ने मुख्य सचिव, इंदौर जिलाधिकारी और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को सुनवाई की अगली तारीख 19 फरवरी तक अपनी जेब से 25,000-25,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
वर्ष 2018 में मंदसौर जिले में दो लोगों द्वारा एक लड़की के साथ क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया गया। तीन माह तक पीड़िता का अस्पताल में उपचार चला और कई सर्जरी हुईं।
पीड़िता के पुनर्वास के उपाय के रूप में राज्य सरकार ने उसका और उसकी बड़ी बहन का इंदौर के एक निजी स्कूल में नाम लिखवाया कराया।
मीडिया की एक खबर में दो फरवरी को दावा किया कि प्रशासन ने केवल एक साल के लिए उनकी फीस का भुगतान किया।
खबर के मुताबिक स्कूल ने इंदौर जिलाधिकारी और जिला शिक्षा विभाग को नोटिस भेजकर 14 लाख रुपये की बकाया फीस मांगी है।