वडोदरा: अस्पताल में बिना भर्ती हुए भी कोई व्यक्ति बीमा का दावा कर सकता है। अगर किसी को 24 घंटे से कम समय के लिए भी अस्पताल भर्ती कराया गया हो। तो उसे बीमे का दावा करने का अधिकार है। गुजरात के वडोदरा उपभोक्ता फोरम ने शख्स की शिकायत पर यह आदेश दिया। फोरम ने कहा कि बीमा कंपनी को आदेशित करते हुए कहा कि निवासी रमेशचंद्र जोशी को तुरंत भुगतान करें। बीमा कंपनी ने जोशी के दावे को खारिज कर दिया था। जिसके बाद जोशी ने अगस्त, 2017 में के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। जोशी की पत्नी को 2016 में डर्मेटोमायोसाइटिस हुआ था। इसके बाद उन्हें अहमदाबाद के लाइफकेयर में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के अगले दिन के जोशी की पत्नी को छुट्टी दे दी गई थी। नई तकनीक से कम समय में होने लगा है इलाजवडोदरा उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (अतिरिक्त) ने पाया कि नई तकनीक से कभी-कभी मरीजों का इलाज कम समय में हो जाता है। वहीं कई बार अस्पताल में भर्ती हुए बिना भी इलाज किया जाता है। फोरम की ओर से कहा गया कि ‘अगर मरीज को भर्ती नहीं किया जाता है या फिर नई तकनीकों के कारण भर्ती होने के बाद कम समय में इलाज किया जाता है। इस पर बीमा कंपनी यह कहकर दावे को खारिज नहीं कर सकती कि मरीज को भर्ती नहीं किया गया।’ बीमा कंपनी अलाप रही थी 24 घंटे भर्ती होने का राग जोशी ने 44,468 रुपये के दावे के लिए बीमा कंपनी में अपील दायर की। लेकिन कंपनी ने सेक्शन 3.15 का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया। कंपनी ने तर्क दिया कि उन्हें पॉलिसी नियम के मुताबिक लगातार 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया गया था। उन्होंने उपभोक्ता फोरम के सामने सभी कागजात पेश किए और कहा कि पत्नी को 24 नवंबर, 2016 को शाम 5.38 बजे भर्ती कराया गया। जिसे 25 नवंबर, 2016 को शाम 6.30 बजे छुट्टी दे दी गई। जोशी ने कहा कि यह समय 24 घंटे से ज्यादा था।