चलती ट्रेन में पहुंचाई बीमार को दवाई, फार्मेसी चलाने वाला बना मथुरा का ‘सुपरहीरो’

लखनऊ: मथुरा () के प्रेमवीर सिंह अपनी दवा की दुकान पर पहुंचे ही थे कि उनकी दुकान पर काम करने वाले स्‍टाफ ने बताया कि नई दिल्‍ली जा रही ट्रेन में एक शख्‍स को दवा की सख्‍त जरूरत है। प्रेमवीर सिंह () की दुकान से दवाओं की डिलिवरी करने वाला लड़का उस दिन छुट्टी पर था इसलिए वह धर्म संकट में पड़ गए। उन्‍होंने ट्रेन से ऑनलाइन ऑर्डर करने वाले व्‍यक्ति को फोन किया तो पता चला कि महज आधे घंटे के अंदर ट्रेन मथुरा स्‍टेशन पर पहुंच जाएगी और जिसे दवा चाहिए उसकी हालत खराब हो रही है।

प्रेमवीर सिंह की ट्रेन में जिस व्‍यक्ति से बात हो रही थी वह थे मेदांता लिवर ट्रांसप्‍लांट इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉ. अरविंदर सिंह सोइन। बहरहाल, प्रेमवीर सिंह दवाएं लेकर अपनी दुकान से स्‍टेशन की ओर रवाना हुए। ट्रेन को प्‍लेटफॉर्म नंबर 3 पर आना था। जैसे ही ट्रेन रुकी अरविंदर सिंह ने देखा कि प्रेमवीर दवाएं लिए उनकी तरफ दौडे़ चले आ रहे हैं।

अरविंदर को भरोसा नहीं था कि प्रेमवीर समय पर पहुंच जाएंगे और उन्‍हें दवाएं दे पाएंगे क्‍योंकि ट्रेन मथुरा में केवल दो म‍िनट के लिए रुकती थी। प्रेमवीर ने उन्‍हें दवाओं की डिलिवरी दी तो अरविंदर प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके और इतनी मेहनत के बदले में उसे कुछ और पैसे देने की पेशकश की। लेकिन प्रेमवीर ने विनम्रता से मना कर दिया।

यह घटना नवंबर के आखिरी सप्‍ताह में हुई थी। पद्मश्री विजेता अरविंदर सिंह सोइन अमेरिका से आए अपने मित्र के साथ रणथंभौर जा रहे थे। बाद में अरविंदर ने अपने ट्विटर हैंडल से इस घटना को जिक्र करते हुए प्रेमवीर को ‘मथुरा का हीरो’ बताया।

इस घटना के बारे में उन्‍होंने बताया, ‘अमेरिका से आए मेरे दोस्‍त का 25 वर्षीय बेटे की तबीयत खराब हो गई थी। हम सवाई माधोपुर जा रहे थे ताकि रणथंभौर नेशनल पार्क घूम सकें। चूंकि हमारी ट्रेन का दिल्‍ली के सफर में सिवा मथुरा के दूसरा कोई स्‍टॉप नहीं था इसलिए गूगल से सर्च करे मथुरा की इस दवा की दुकान को दवाओं का ऑर्डर दिया। हम उम्‍मीद कर रहे थे कि किसी तरह हमें दवाएं मिल जाएं।’

जिस तरह से प्रेमवीर ने दौड़ते हुए ट्रेन में हम तक दवाएं पहुंचाईं हम एक ही बात कह सकते हैं, ‘भारत जैसी कोई जगह नहीं है, भारतीय होने का अहसास एकदम अलग है।’ वहीं प्रेमवीर सिंह का कहना कि यह मेरी खुशनसीबी है कि मैं समय पर पहुंच सका और एक पैसेंजर की मदद कर पाया।