Maratha Reservation: मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाकर रहेंगे, शिंदे बोले- सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे क्यूरेटिव पिटीशन

सुप्रीम कोर्ट ने कल मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण पर उपसमिति की आपात बैठक बुलाई। बैठक में आरक्षण की प्रक्रिया से जुड़े वकीलों सहित मंत्रियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। ऐसे में वरिष्ठ वकीलों की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने का फैसला किया गया है। साथ ही इस संबंध में और भी कई अहम फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण पर समीक्षा याचिका कल खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय में उपचारात्मक याचिका दायर करेगी। महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे भी पढ़ें: Maharashtra Heatstroke : उद्धव ने CM-Dy CM से मांगा इस्तीफा, संजय राउत ने आंकड़े छिपाने का आरोप लगायावहीं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, मराठा आरक्षण के संबंध में समीक्षा याचिका खारिज कर दी गई है। इस याचिका को अदालत ने चैंबर में ही खारिज कर दिया है। हमने मांग की थी कि राज्य सरकार को खुली अदालत में सुनवाई करनी चाहिए थी, लेकिन इसे मानने के बजाय सिर्फ चेंबर में ही फैसला हो गया। इसलिए सरकार को इस संबंध में अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं मिला। ये सभी मामले थे आज की बैठक में चर्चा की।इसे भी पढ़ें: Heatstroke Deaths: हीट स्ट्रोक त्रासदी के बाद इवेंट पर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, खुले में रैली-समारोह के लिए टाइमिंग तयदो अहम फैसले किए गए मराठा समुदाय को आरक्षण देने का जो फैसला लिया गया है, उसे कायम रहना चाहिए और हम इसे देने के अपने रुख पर कायम हैं। इसके दो उपाय हैं जो न्यायविदों ने हमें बताए हैं। इसी के अनुरूप आज की बैठक में तत्काल उपचारात्मक याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया। साथ ही दूसरा फैसला यह है कि मराठा आरक्षण के पिछड़ेपन को साबित करने के लिए सिर्फ सैम्पल सर्वे की जगह डीप सर्वे करने का फैसला किया गया।