महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में मराठा आरक्षण बिल पास हो गया है। इसके तहत राज्य के मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी का आरक्षण दिया गया है। मराठा समुदाय इसे लेकर लगातार प्रदेश में आंदोलनरत है। संवैधानिक तौर पर यह आरक्षण कितनी देर तक टिकेगा इसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।Maratha reservation bill unanimously passed minutes after tabling in special Assembly sessionRead @ANI Story | https://t.co/EwVz4NtXDI#Maratha #Maharashtra #EknathShinde pic.twitter.com/IvbvsVR04z— ANI Digital (@ani_digital) February 20, 2024
मराठा आरक्षण को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने आरक्षण पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने शिंदे सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार यह बिल लेकर इसलिए आई है ताकि वह मराठा समुदाय का वोट हासिल कर सके, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है।कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा, “सरकार ने यह निर्णय चुनाव और वोटों को ध्यान में रखकर लिया है। यह मराठा समुदाय के साथ धोखा है। मराठा समुदाय आप पर भरोसा नहीं करेगा। हमें केवल हमारी मूल मांगों से ही लाभ होगा। ‘सज्जन-सोयरे’ पर कानून बनाओ। यह आरक्षण टिकेगा नहीं। सरकार अब झूठ बोलेगी कि आरक्षण दे दिया गया है।”