आतंकी हिंसा के लिए यूपी-बिहार में खड़ा किया माओवादी संगठन, सरकार के खिलाफ युद्ध लड़ने की बनाई थी योजना

लखनऊ: सीपीआई (माओवादी) संगठन से जुड़े लोग सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए यूपी और बिहार में संगठन खड़ा कर रहे थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मंगलवार को यूपी के पांच जिलों के आठ ठिकानों में की गई छापेमारी के दौरान इस साजिश से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं। एनआईए की टीमें जांच के घेरे में आए संदिग्धों से कई घंटों से लगातार पूछताछ कर रही हैं। एनआईए के मुताबिक प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ में आठ स्थानों पर आरोपितों और संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, धन रसीद किताबें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण जब्त बरामद हुए हैं। इनमें साजिश से जुड़े कई अहम तथ्य हैं। इन सभी का गहनता से विश्लेषण किया जा रहा है। एनआईए का दावा है कि सीपीआई (माओवादी) से जुड़े कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों की भर्ती की जा रही थी। खासतौर से यूपी और बिहार में फिर से नक्सली संगठनों को खड़ा किया जा रहा है। ये सभी लोग मिलकर आतंक और हिंसा की साजिश भी रच रहे थे। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रमोद मिश्रा सीपीआई (माओवादी) से जुड़े कैडरों, समर्थकों और ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) का नेता है। जो सभी संगठनों को बिहार और यूपी में फिर से खड़ा करने के मिशन पर लगा हुआ है। हथियार के लिए बनाया था सेंटरएनआईए के मुताबिक कुछ समय पहले बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिसकी पत्नी सोनी आजाद का नाम पिछले महीने बिहार में नक्सली गतिविधि से संबंधित एफआईआर में सामने आया था। रोहित से पूछताछ के बाद सीपीआई (माओवादी) की कोर कमिटी के सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी हुई। इन गिरफ्तारियों के बाद बिहार पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक फैक्ट्री जब्त की थी। जहां बिहार और यूपी में हथियारों के हिस्से बनाने और देशी हथियारों को इकट्ठा करने के लिए एक सेंटर बनाया गया था।इनके खिलाफ FIRइस मामले में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपित मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी के साथ-साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आजाद का भी नाम शामिल है। विश्वविजय, अमिता शिरीन के अलावा संगठन को खड़ा करने की भूमिका में मनीष आज़ाद, कृपा शंकर, सोनी आजाद, रितेश विद्यार्थी, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद के नामों का भी खुलासा हुआ।