नई दिल्ली: आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार की जांच के आधार पर सीबीआई ने सनसनीखेज दावे किए हैं। एजेंसी के मुताबिक, उसे के ड्राफ्ट डॉक्युमेंट्स एक ऐसे कंप्यूटर से मिले जो आबकारी विभाग के नेटवर्क का हिस्सा नहीं था। यह कंप्यूटर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दफ्तर में रखा था। सीबीआई ने उसे सीज करके साइबर-फोरेंसिक जांच करवाई। पता चला कि फाइल किसी ने वॉट्सऐप पर भेजी थी। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी में सीबीआई जांच की अहम बातें निकलकर सामने आईं। पिछले साल मार्च में ‘साउथ लॉबी’ ने दिल्ली के एक होटल में विजय नायर से मुलाकात की। वहीं पर कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी कराई। 18 मार्च 2022 को सिसोदिया ने अपने सेक्रेट्री को कुछ दस्तावेज सौंपे, जिसमें एक्साइज पॉलिसी को लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की सिफारिशें थीं। सीबीआई के मुताबिक, इस दस्तावेज में उतने ही पन्ने थे जितने होटल में कॉपी कराए गए साउथ लॉबी के डॉक्युमेंट में थे। पढ़ें, दिल्ली शराब घोटाला केस की जांच में सीबीआई को जांच में कथित रूप से क्या-क्या पता चला है।दिल्ली आबकारी नीति घोटाला केस: CBI को क्या-क्या मिला?मार्च 2022 में, साउथ लॉबी वाला ग्रुप दिल्ली के एक होटल में रुका था। वहां उनकी विजय नायर से मुलाकात हुई। होटल के बिजनस सेंटर में कुछ डॉक्युमेंट्स प्रिंट और कॉपी किए गए। 18 मार्च को सिसोदिया ने कुछ दस्तावेज, एक्साइज पॉलिसी पर GoM की सिफारिशों का ड्राफ्ट, अपने सचिव को सौंपा। इस डॉक्युमेंट मे उतने ही पेज थे जितने होटल में साउथ लॉबी के कॉपी किए डॉक्युमेंट में।ज्यादा टर्नओवर की शर्त से इतर, इस ड्राफ्ट में होलसेलर्स के लिए 12% मुनाफा देने की बात थी, GoM रिपोर्ट में भी यही कहा गया। साउथ लॉबी की चैट्स में मिले दो और सुझाव भी GoM की रिपोर्ट में शामिल किए गए।पॉलिसी में हेरफेर और लाइसेंस के लिए साउथ लॉबी ने 100 करोड़ रुपये अडवांस में दिए।साउथ ग्रुप के कंट्रोल वाली शराब कंपनी M/S Indospirit की होलसेल लाइसेंस वाली अप्लिकेशन पर आपत्तियां उठीं। कंपनी ने फौरन ही दूसरी अप्लिकेशन डाल दी। सिसोदिया ने दूसरी अप्लिकेशन पर लाइसेंस जारी करने के निर्देश दे दिए जबकि उन्हें यह पता नहीं होना चाहिए था कि कंपनी ने दोबारा आवेदन किया है।19 अगस्त की छापेमारी में एक्साइज डिपार्टमेंट से एक डिजिटल डिवाइस सीज की गई। CBI ने एक्साइज पॉलिसी के ड्राफ्ट को एक दूसरे सिस्टम तक ट्रेस किया, जो एक्साइज डिपार्टमेंट के नेटवर्क का हिस्सा नहीं था।सीबीआई ने 14 जनवरी 2023 को सिसोदिया के दफ्तर से वह कंप्यूटर जब्त किया। ज्यादातर फाइलें डिलीट की जा चुकी थीं लेकिन फोरेंसिक टीम की मदद से पता चला ड्राफ्ट फाइल बाहर से आई थी। वह फाइल वॉट्सऐप पर भेजी गई थी।सीबीआई के बाद अब ईडी भी दिखेगा ऐक्शन में!इस मामले की पहली चार्जशीट सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में दायर की। सीबीआई के अनुसार, नई आबकारी नीति में एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों को बदलकर GoM की सुझाई व्यवस्था लागू की गई। फिलहाल दिल्ली की अदालत ने सिसोदिया को पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा है। चर्चा है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय भी अपना केस मजबूत करने को धरपकड़ तेज कर सकता है।