महाराष्ट्र: अगर कोई बागी विधायक हारा तो छोड़ देंगे राजनीति, शिवसेना (यूबीटी) ने शिंदे को याद दिलाया वादा

शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उनके उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह में उनका साथ देने वाले विधायकों में से किसी को भी विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तो वह राजनीति छोड़ देंगे।उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक लेख में शिंदे को याद दिलाया कि 2022 में गुवाहाटी में उनके साथ मौजूद 40 विधायकों में से पांच को हालिया विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।शिवसेना (यूबीटी) ने अपने लेख में कहा कि सदा सरवणकर को माहिम से, यामिनी जाधव को भायखला से, शाहजी बापू पाटिल को संगोला से, संजय रायमूलकर को मेहकर से और ज्ञानराज चौगुले को उमरगा से हार का सामना करना पड़ा था।जून 2022 में, महा विकास आघाडी में मंत्री शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ 40 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया था। विद्रोही पहले गुजरात के सूरत गए और फिर असम के गुवाहाटी चले गए थे।विद्रोह के कारण ठाकरे सरकार गिर गई थी, जिसके बाद शिंदे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित किए गए।महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी शामिल हैं।विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन सिर्फ 46 सीट ही जीत सका। एमवीए में कांग्रेस, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं। बीजेपी को 132 सीट मिलीं, शिवसेना को 57, जबकि एनसीपी को 41 सीट मिलीं। एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट पर जीत दर्ज की। पीटीआई के इनपुट के साथ